देहरादून (ब्यूरो) फ्राइडे को उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू की गई। बड़ी संख्या में मजूदरों को हथौड़े के साथ अवैध निर्माण ध्वस्त करने में लगाया गया। इसके अलावा बड़े निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त किया गया। दोपहर करीब डेढ़ बजे तक सभी चिह्नित अतिक्रमण तोड़ दिए गए। इस दौरान थोड़ा विरोध हुआ, लेकिन पुलिस ने विरोध करने वालों को कार्रवाई के आड़े नहीं आने दिया।

राजनेताओं को कोसते रहे लोग
अतिक्रमण तोडऩे के दौरान कुछ घरों में सामान पड़ा हुआ था, जैसे ही जेसीबी से दीवारों को गिराने का कार्य शुरू हुआ तो संबंधित लोग आनन-फानन में सामान बाहर निकालने लगे। ऐसे में जेसीबी को कुछ समय के लिए रोक दिया गया। कार्रवाई के दौरान महिलाएं बिलखती हुई राजनेताओं और सरकार को कोसती नजर आई। इस दौरान जेसीबी से दो मंजिला भवन को गिराते समय कर्मचारी बालबाल बच गया।

दस्तावेजों की जांच में उलझा एमडीडीए
एनजीटी के आदेश पर नगर निगम की ओर से रिस्पना नदी के किनारे किए गए सर्वे में 2016 के बाद कुल 525 निर्माण चिह्नित किए गए थे, जिसमें से नगर निगम की भूमि पर 89 निर्माण थे, जिनके दस्तावेज जांच के बाद अंत में अवैध पाए गए। सभी निर्माण अब ध्वस्त कर दिए गए हैं। जबकि, एमडीडीए की रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत आने वाली भूमि पर चिह्नित 412 अवैध निर्माण पर अभी कार्रवाई नहीं हुई है। एमडीडीए की ओर से पानी-बिजली के बिल और निर्माण संबंधी अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

2016 से पहले के मिले 150 निर्माण
एमडीडीए के अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण को लेकर नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन अभी संबंधित व्यक्तियों की ओर से आपत्ति जताते हुए दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैंङ जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम ने अब तक करीब 250 लोगों के दस्तावेजों की जांच पूरी कर ली है। इसमें से करीब 150 लोगों के निर्माण 2016 से पहले के साक्ष्य मिले हैं। दस्तावेजों की जांच जारी है। बताया जा रहा है कि 412 में से 250 निर्माण वैध होने की संभावना है।।

रायपुर रोड पर भी अवैध निर्माण ध्वस्त
डालनवाला थाने के पास स्थित नगर निगम की भूमि से भी अतिक्रमण हटाया गया। यहां निगम की जमीन पर बड़ी संख्या में झुग्गियां चाड़ी हो गई थीं। इस भूमि को पूर्व में कुछ माफिया की ओर से भी कब्जाने का प्रयास किया जा चुका है।

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