- ऑटोमोबाइल डीलर ने व्हीकल मॉडिफाई किए तो होगा 50 हजार तक का जुर्माना

- एक्सीडेंट की वजह सड़क की बदहाली तो पीडब्ल्यूडी और कॉन्ट्रेक्टर पर कार्रवाई का प्रावधान

देहरादून,

न्यू एमवी (अमेंडमेंट) एक्ट के दायरे में सिर्फ वाहन चालक ही नहीं है, इसका दायरा अब और बढ़ गया है। किसी रोड एक्सीडेंट के लिए अगर रोड के पॉटहोल्स या बदहाली जिम्मेदार पाई गई तो एमवी एक्ट के तहत पीडब्ल्यूडी के ऑफिसर्स और कॉन्ट्रेक्टर पर भी कार्रवाई की जा सकती है। इसमें एक लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, अब ऑटोमोबाइल डीलर किसी भी वाहन को मॉडिफाई कर सेल नहीं कर पाएंगे, कंपनी से डिजाइंड व्हीकल उन्हें एज इट इज सेल करना होगा। वाहन मॉडिफाई किया तो डीलर पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है।

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सड़क से शोरूम तक जिम्मेदारी

न्यू एमवी (अमेंडमेंट) एक्ट के इंप्लीमेंटेशन के साथ ही परिवहन विभाग की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। अब वाहन ही नहीं सड़क पर भी परिवहन विभाग को पैनी नजर रखनी होगी। ऑटोमोबाइल डीलर्स की भी कुंडली खंगालनी पड़ेगी और दोषी पाए जाने पर एक्शन लेना होगा।

हादसे का कारण खराब सड़क तो एक लाख जुर्माना

न्यू एमवी एक्ट के तहत प्रावधान किया गया है कि अगर किसी रोड एक्सीडेंट की वजह पॉट होल्स (सड़क के गढ्डे) हुए या रोड का डिजाइन तो परिवहन विभाग पीडब्ल्यूडी या फिर रोड बनाने वाले कॉन्ट्रेक्टर के खिलाफ एक्शन ले सकता है। एआरटीओ अरविंद पांडेय ने बताया कि अगर रोड एक्सीडेंट में किसी की मौत हो जाती है तो इनके लिए अगर रोड का डिफेक्ट हुआ तो विभाग और कॉन्ट्रेक्टर को जिम्मेदार माना जाएगा। इसमें एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

पीडब्ल्यूडी को डायरेक्शंस

- रोड मेंटेन रखी जाएं।

- रोड का डिजाइन डिफेक्टिव न हो।

- रोड्स के पॉट होल्स भरे जाएं।

मॉडिफाइड व्हीकल सेल करने पर 50 हजार तक जुर्माना

व्हीकल एसेसरी बेचने के चक्कर में अब ऑटोमोबाइल डीलर किसी भी व्हीकल को मॉडिफाई कर सेल नहीं कर पाएंगे। व्हीकल की मूल बनावट में किसी तरह का बदलाव करना एमवी एक्ट का वॉयलेशन है। अगर कोई डीलर व्हीकल को मॉडिफाइड करके बेचेता है तो परिवहन विभाग उस पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है। जबकि व्हीकल ओनर से भी 5 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। एआरटीओ अरविंद पांडेय की ओर से इस बारे में सभी ऑटोमोबाइल डीलर्स को लेटर लिखकर इन्फॉर्म किया गया है।

डीलर्स को डायरेक्शंस

- कंपनी मेड व्हीकल के डिजायन में कोई बदलाव न करें।

- साइलेंसर के साथ छेड़छाड़ न की जाए।

- एसेसरी बेचने के लिए मूल पार्ट हटाकर दूसरा न लगाया जाए।

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न्यू एमवी (अमेंडमेंट) एक्ट में सड़कों के लिए पीडब्ल्यूडी और व्हीकल के लिए ऑटोमोबाइल डीलर की भी जिम्मेदारी तय की गई है। सभी को पत्र लिखकर अवेयर कर दिया गया है। जो भी रूल का वॉयलेशन करेगा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- अरविंद पांडेय, एआरटीओ