- फोन कॉल पर डिमांड, बिहार से बस में आती थी नशे की खेप

- 20 लाख के गांजे के साथ बाप, बेटे और भतीजे को दबोचा

देहरादून,

दून में नशा तस्करों का जाल फैलता जा रहा है। दून पुलिस ने बिहार के एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसका दून में बड़ा नेटवर्क मिला है। फोन कॉल पर दून से नशे की डिमांड भेजी जाती थी और बसों के जरिये एक ही परिवार के लोग फेरी वाले बनकर गांजा दून पहुंचाते थे। पुलिस ने 20 लाख का गांजा बरामद किया है और तस्करी के आरोप में शातिर बाप, बेटे और भतीजे को अरेस्ट किया है। वे बैंग में छुपाकर 54.620 किलो गांजा दून लाए थे, जिसकी सप्लाई दून में की जानी थी।

ऊपर साड़ी, नीचे गांजा

सहसपुर थाना इंचार्ज नरेंद्र गहलावत ने बताया कि पुलिस को सिंघनिवाला पुल के पास 3 व्यक्ति खड़े मिले। जिनके पास भारी बैग थे, इन बैग को बारीकी से चेक किया तो बैग में भारी मात्रा में गांजा छिपा रखा था। पहचान छिपाने को बैग में ऊपर साड़ी, बिंदी और कॉस्मेटिक्स का सामान भी रखा हुआ था, जिससे किसी को शक होने पर खुद को फेरी वाले बता देते थे।

बाप, बेटा और भतीजा जुटे थे तस्करी में

पकड़ा गया 55 वर्षीय सुरेश साहनी मूल रूप से दरभंगा बिहार का रहने वाला है जो कि दून के चुक्खूवाला में रहता है। सुरेश साहनी 8-9 सालों से अपने परिजनों के साथ बिहार से गांजा लाकर दून में बेच रहा था। तस्करी में उसका बेटा संतोष (30) और भतीजा जितेंद्र (29) भी सक्रिय थे। पूरा परिवार छोटी-छोटी गांजे की पुडि़ये बनाकर दून में जगह-जगह डिलीवर करता था। फोन पर डिमांड आती थी और परिवार खुद ही बताई गई लोकेशन पर नशा पहुंचाता था। टारगेट पर मजदूर और स्टूडेंट्स ज्यादा होते थे। आरोपियों ने बताया कि दरभंगा बिहार से पब्लिक ट्रांसपोर्ट ज्यादातर रोडवेज बस से गांजा लेकर आते थे।

यहां करते थे रेगुलर सप्लाई

रिस्पना पुल

रायपुर

पटेनगर

सहसपुर

विकासनगर

सेलाकुई

20 रुपए की पुडि़या 200 में

साहनी परिवार बिहार से 20 रुपए के हिसाब से एक पुडि़या खरीदकर लाते हैं और दून में एक पुडि़या को 200 रुपए में बेच देते थे। इस तरह से एक पुडि़या पर ही 10 गुना प्रॉफिट कमाते थे। कई सालों से बिंदाल और बस्तियों में रहने वाले साहनी परिवार ने अपने सभी परिचितों को इस धंधे में लगाया हुआ था।

सहसपुर में ठिकाना, रिस्पना पहला टारगेट

साहनी परिवार नशा तस्करी में इतने शातिर हो गया था कि बिहार से बैग में गांजा छुपाकर दून में सीधे एंट्री नहीं करते। बिहार से बस में आकर रास्ते में ही बस को छोड़ देते थे, इसके बाद गांजा लेकर आईएसबीटी से सीधे सेलाकुई की तरफ जाते, जहां गांजा देने के बाद सहसपुर इलाके में पहुंचते थे, सहसपुर में गांजा ठिकाने लगाने के बाद सिटी में एंट्री करते थे। जहां रिस्पना इनका पहला टारगेट होता था। इन तस्करों का नेटवर्क इतना तेज था कि ये सिटी के लगभग सभी थाना इलाकों में गांजा सप्लाई कर देते थे। साहनी परिवार महीने में बिहार का एक चक्कर लगाते थे।

स्मैक तस्करी में दो अरेस्ट

यूपी से स्मैक खरीद दून में ऊंचे दामों पर बेचने वाले दो नशा तस्करों को भी पुलिस ने अरेस्ट किया है। आईएसबीटी चौकी प्रभारी राजीव धारीवाल ने बताया कि थाना पटेल नगर पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान आर्मी ग्राउंड चंद्रमणि के पास से 2 स्मैक तस्करों को 21.75 ग्राम स्मैक के साथ अरेस्ट किया है। जिसकी कीमत 50 हजार रुपए बताई जा रही है। आरोपी बाइक से स्मैक तस्करी करते थे। पूछताछ पर उन्होंने बताया कि वे यूपी के कई जिलों से सस्ते दामों में नशे का सामान खरीद कर लाते थे, जिन्हें वे आईएसबीटी क्षेत्र में ऊंचे दामों में बेचते थे। आरोपियों की पहचान पीलीभीत यूपी निवासी 20 वर्षीय कमल सिंह और सहसपुर निवासी 19 वर्षीय संजय सकलानी के रूप में हुई है।