DEHRADUN: चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि पर भक्तों ने मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की। नवमीं पर नौ दिनों का व्रत धारण करने वाले श्रद्धालुओं ने विधि विधान से कन्या पूजन कर व्रत खोल दिया। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते इस साल मंदिरों में बड़े आयोजन नहीं हुए। भक्तों ने घर पर ही पूजन किया।

मां को लगाया भोग

नवमीं के दिन सुबह से ही भक्तों ने मंदिर और घरों में पूजा शुरू कर दी। इसके बाद कन्या पूजन कर मां को भोग लगाया गया। आचार्य डॉ। सुशांत ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को ही भगवान राम का जन्म हुआ था। जिससे इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। मां सिद्धिदात्री ने असुरों के अत्याचार से पृथ्वी को मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। नवरात्र के पर्व में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवमी यानी नवरात्र की अंतिम तिथि को मां दुर्गा सिद्धिदात्री के अवतार लेकर सभी कार्यों को सिद्ध करती हैं। मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शंकर का आधा शरीर देवी का हुआ था। इस स्वरूप के कारण ही उन्हें अ‌र्द्धनारीश्वर भी कहा जाता है।

कंजिका पूजन के साथ नवरात्र संम्पन्न

पृथ्वीनाथ मंदिर में परम पूज्य महंत श्रीश्री 108 र¨वद्र पुरी महाराज के पावन सानिध्य में बुधवार को कंजिका पूजन के साथ नवरात्र संपन्न हुए। इसी के साथ श्री राम नवमी के पावन पर्व पर श्री राम परिवार का पूजन किया गया। दिगंबर दिनेश पुरी ने बताया कि मंगलवार मध्यरात्रि से प्रारंभ हुए हवन को बुधवार प्रात: भोर में विश्राम दिया गया। इसके पश्चात मां भगवती की आरती की गई और मां को गंगाजल से स्नान ध्यान करा सुंदर लाल साड़ी पहनाकर उनकी पूजा-अर्चना कर उनको हलवा पूरी, चने, नारियल, चुनरी, पान सुपारी, लौंग, इलायची, माला, पुष्प माला अर्पण कर मंदिर में कंजिका पूजन किया गया। आचार्य भारत भूषण भट्ट ने बताया कि मुख्य यजमान पूर्ण चंद्र गर्ग व चंद्र प्रकाश गर्ग ने सेवादार व श्रद्धालुओं के साथ दोपहर 12:00 बजे मंदिर में विराजमान प्रभु श्री राम परिवार की मूर्तियों को पवित्र गंगाजल से स्नान ध्यान करवाया। इसके बाद उनको नए वस्त्र भेंटकर माल्यार्पण किया।

राम जन्मोत्सव पर हुआ यज्ञ

कालिका माता मंदिर में आयोजित 68वें वार्षिक ध्वजारोहण महोत्सव में मां कालिका यज्ञशाला में राम जन्मोत्सव के उपलक्ष में श्री राम यज्ञ हुआ। इससे पहले सुबह महंत किशन गिरी की अगुवाई में ध्वजारोहण किया गया। श्री ¨सदुरिया हनुमान मंदिर में ऊपरी तल पर ध्वजारोहण के साथ रामचरितमानस के नवाहन पाठ की परीसमाप्ति हुई। इसके बाद कालिका अष्टधातु कीर्ति स्तंभ का अभिषेक मंदिर के पुजारियों द्वारा किया गया।