- सेब के प्रोडक्शन और मार्केटिंग को लेकर बनाई जाएगी साझी पॉलिसी

- जल्द ही जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के साथ आयोजित की जाएगी कॉन्फ्रेंस

DEHRADUN: सूबे में सेब के प्रोडक्शन और मार्केटिंग को लेकर सरकार नई पहल करने जा रही है। इसके लिए उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर की साझा प्रोडक्शन एंड मार्केटिंग पॉलिसी बनाई जाएगी। राष्ट्रीय सेब महोत्सव के पहले दिन सीएम हरीश रावत ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर दोनों राज्य सहमत होते हैं तो जल्द ही एक कॉन्फ्रेंस कराई जाएगी।

काश्तकारों को मिले प्रोत्साहन

राष्ट्रीय सेब महोत्सव के दौरान सीएम हरीश रावत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के अनुरूप हम कोई प्लानिंग कर पाए हैं। अब एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई जाएगी, जो हॉर्टिकल्चर डेवलेपमेंट के लिए लॉन्ग टर्म की प्लानिंग करेगी, व‌र्ल्ड बैंक से भी इसमें मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दो साल पहले निर्देश दिए गए थे कि उपयुक्त प्रजातियों का चयन किया जाए और उसके अनुरूप उत्पादकों को सेब के पौधे दिए जाएं, लेकिन यह स्कीम कारगर नहीं रही। सीएम ने निर्देश दिए कि हर साल उत्पादन के आधार पर बागवानों को सम्मानित किया जाए और उन्हें प्रोत्साहन भी दिया जाए।

इफेक्टिव प्लान जरूरी

उद्यान मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि सेब की तुड़ाई के बाद मार्केटिंग और मैनेजमेंट के लिए उद्यान विभाग को प्रभावी प्लान बनाने की जरूरत है। उन्होंने सीएम के समक्ष उत्तराखंड औद्यानिक विपणन परिषद को निगम बनाने का प्रस्ताव रखा। सीएम ने कहा कि इसे लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा। निगम बनने के बाद नाबार्ड से संस्था को लोन की सुविधा भी मिल पाएगी।

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हार्टि-टूरिज्म को दें बढ़ावा

सीएम हरीश रावत ने हॉर्टि-टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही, लेकिन इसके लिए कोई निगम बनाने से साफ इनकार कर दिया। कहा कि हार्टि-टूरिज्म के लिए काश्तकारों को सहायता दी जाए, वे अपने स्तर से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले भी विकास निगम बनाए गए, जिनका हाल बुरा है।

महोत्सव में क्या रहा खास

- सेब महोत्सव में ब्ब् प्रजातियों का किया गया प्रदर्शन

- निजी काश्तकार और राजकीय उद्यानों ने लिया हिस्सा

- हिमाचल प्रदेश के काश्तकार भी पहुंचे महोत्सव में

-श्रेष्ठ उत्पादों के आधार पर ब्ब् लोगों को मिला