- केदारपुरम में नगर निगम के 70 फ्लैट 8 साल से खाली

- होमलैस लोगों के लिए बनाये गये थे ये एलआईजी फ्लैट

- किराये पर देकर अच्छी रकम वसूल कर सकता था निगम

देहरादून

देहरादून नगर निगम की माली हालत लगातार खराब हो रही है। इनकम का एकमात्र साधन हाउस टैक्स का टारगेट 50 परसेंट भी नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ नगर निगम के पास जा संपत्ति है वह लगातार बर्बाद हो रही है। कर्मचारियों के वेतन तक के लिए राज्य सरकार का मुंह ताकने वाले नगर निगम के अधिकारियों के पास इस संपत्ति पर ध्यान देने की फुर्सत तक नहीं है।

भुतहा हो रहे 70 फ्लैट

नगर निगम की ऐसी ही एक संपत्ति केदारपुरम में नारी निकेतन के पास है। नगर निगम ने यहां 8 साल पहले 70 फ्लैट बनवाये थे। चार मंजिला 4 बिल्डिंग्स में ये फ्लैट बनाये गये हैं। एलआईजी टाइप के इन फ्लैट में 5 परिवार रह रहे हैं। इनमें एक फ्लैट महिला चौकीदार के पास है। इसके अलावा मेयर, डीएम, नगर आयुक्त के ड्राइवर और मेयर के गनर को एक-एक फ्लैट दिये गये हैं। बाकी 65 फ्लैट खाली हैं और लगातार बर्बाद हो रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट इन फ्लैट्स का रियलिटी चेक किया।

बिजली पानी भी नहीं

8 साल पहले बनाये गये इन फ्लैट्स में नगर निगम ने बिजली और पानी तक की व्यवस्था नहीं की है। जो 5 लोग इन फ्लैट में रह रहे हैं, उन्होंने बिजली और पानी की व्यवस्था अपने स्तर पर की है। हालांकि कंपाउंड साफ-सुथरा नजर आ रहा है। बताया गया कि नगर निगम में अस्थाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत महिला चौकीदार अपने स्तर पर साफ-सफाई से लेकर झाडि़यां साफ करने तक का काम करती है।

कमरों में धूल और कचरा

कपाउंड के बाहर की तरफ बेशक सफाई की जा रही हो, लेकिन फ्लैटस के कमरों को धूल और कचरा भरा हुआ है। सीढि़यों पर कई सालों का कचरा साफ देखा जा सकता है। कुछ फ्लैट्स में ताले लटके हैं, लेकिन खुले हुए हैं। दीवारों और छतों का प्लास्टर गिरने लगा है और दरवाजे टूटने लगे हैं। पेंटिंग न होने से दीवारें भी बदरंग हो गई हैं। फ्लैट्स में रहने वाले 5 परिवार अपने फ्लैट के पेंटिंग आदि खुद अपने स्तर पर करवा रहे हैं।

न बिजली न पानी

फ्लैट्स बनाने के बाद नगर निगम ने यहां बिजली और पानी की व्यवस्था करने की जरूरत भी नहीं समझी। यहां रह रहे परिवारों के खुद बिजली के कनेक्शन लिये हैं और पानी की व्यवस्था भी खुद करवाई है। इन परिवारों का कहना है कि उन्होंने निगम के अधिकारियों से किराया लेने और बिजली, पानी, सफाई की व्यवस्था करने की गुहार लगाई थी, लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया।

किराये पर भी नहीं दिये

नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो ये फ्लैट्स होमलैस लोगों के लिए बनाये गये थे। पिछले 8 साल से किसी भी बस्ती को नहीं हटाया गया है। ऐसे में फ्लैट खाली पड़े हुए हैं। हालांकि नगर निगम चाहता तो अपने और अन्य विभागों के कर्मचारियों को ये फ्लैट किराये पर देकर इन 8 वर्षो में अच्छी रकम वसूल सकता था।

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यह मामला हमारे संज्ञान में है। हाल ही में अधिकारियों को इन फ्लैट की स्थिति पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। अधिकारियों ने मौके का मुआयना भी किया है। जल्दी की इस बारे में कोई फैसला किया जाएगा।

सुनील उनियाल गामा

मेयर