-तीन अक्टूबर को ही मैगी पर बैन की समय सीमा समाप्त, रिन्यू नहीं

DEHRADUN: गुजरात व कर्नाटक में मैगी की बिक्री पर प्रतिबंध हटाने के बाद उत्तराखंड में प्रतिबंध हटाने की बात कही जा रही है। लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य में बीते तीन अक्टूबर से ही मैगी पर कोई बैन नहीं है। कारण, राज्य सरकार के मैगी पर प्रतिबंध की समय सीमा तीन अक्टूबर को समाप्त हो चुकी है। जिसको अब तक रिन्यू नहीं कराया गया है। हालांकि अधिकारी स्वीकार रहे हैं कि फूड सिक्योरिटी एथॉरिटी (एफएसएए) ने पहले से ही देशभर में मैगी पर प्रतिबंध लगाया है, जो अब तक उत्तराखंड में भी मान्य है। इधर, इसके बावजूद प्रदेश सरकार मैगी से प्रतिबंध हटाने के लिए विधिक राय की बात दोहरा रही है। वहीं उत्तराखंड में इसकी बिक्री पर लगी पाबंदी के मामले में दो नवंबर को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ही कोई फैसला होने की संभावना है।

ाज्य में पाबंदी पर स्थिति स्पष्ट नहीं

पांच महीने पहले देश के कई राज्यों में मैगी के सैंपल फेल होने पर कई राज्यों ने मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी तीन जून को मैगी प्रतिबंधीत कर दी गई। यह आदेश तीन सितंबर तक मान्य हुई। इसके बाद फिर से सरकार ने एक महीने यानी तीन अक्टूबर तक आदेश को रिन्यू कराते हुए मैगी पर प्रतिबंध लगाया। लेकिन इस महीने मैगी पर प्रतिबंध लगाने के आदेश समाप्त हो चुके हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार मैगी पर प्रतिबंध के आदेश रिन्यू अब तक नहीं हो पाए। नतीजतन, जानकार बताते हैं कि नियमानुसार मैगी पर प्रदेश में लगा प्रतिबंध स्वत: ही समाप्त माना जा सकता है। लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह का मानना है कि मैगी पर प्रतिबंध हटाने के लिए विधिक राय ली जा रही है। इसके बाद जो भी उचित होगा, उसके अनुसार मैगी पर प्रतिबंध हटाया या बरकरार रखा जाएगा। वहीं जिम्मेदार विभागीय अधिकारी स्वीकार रहे हैं कि यकीनन प्रदेश में मैगी पर प्रतिबंध की समय सीमा तीन अक्टूबर को समाप्त हो चुकी है। लेकिन एफएसआई द्वारा देशभर में मैगी पर लगाया गया प्रतिबंध उत्तराखंड में भी बरकरार है।

यह सच है कि मैगी पर प्रतिबंध लगाने की समय सीमा तीन अक्टूबर को समाप्त हो रही है। लेकिन अधिकृत तौर पर मैगी पर लगी पाबंदी के लिए विधिक राय ली जा रही है।

सुरेंद्र सिंह नेगी, स्वास्थ्य मंत्री।