- दून में चार माह में की गई 1150 बीघा इलीगल प्लॉॅटिंग ध्वस्त
- एमडीडीए ने की इलीगल प्लॉॅटिंग की एरियावाइज लिस्ट जारी

देहरादून, (ब्यूरो): यह कार्रवाई लगातार जारी है। एमडीडीए हर माह करीब 300 बीघा से अधिक अवैध प्लॉॅटिंग ध्वस्त कर रहा है। बिल्डर और डेवलेपर एमडीडीए से प्लॉॅटिंग स्वीकृत किए बिना ही प्लॉॅटिंग कर रहे हैं। ऐसे बिल्डरों के खिलाफ एमडीडीए ने अब सोशल मीडिया से भी वॉच रखना शुरू कर दिया है। एमडीडीए के वीसी बंशीधर तिवारी ने कहा कि अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अभियान को और तेज कर जहां कहीं भी इलीगल प्लॉटिंग और निर्माण है उसे भी ध्वस्त किया जाएगा।

एग्रीकल्चर लैंड पर प्लॉॅटिंग
एमडीडीए से प्लॉटिंग की भूमि स्वीकृत कराने के लिए आर-3 लैंड होनी जरूरी है, लेकिन अभी तक पकड़ी गई अधिकांश अवैध प्लॉॅटिंग आर-3 लैंड से बाहर है। नियमानुसार कृषि भूमि पर आवासीय प्लॉट की अनुमति नहीं मिलती। इसलिए बिल्डर गुपचुप तरीके से एग्रीकल्चर लैंड में प्लॉॅटिंग कर बेच रहे हैं। बाद में प्लॉट लेने वालों को परेशानियां उठानी पड़ती है। बिल्डर आस-पास बसी कालोनियों की जमीन के कम भाव से प्लॉॅट, दुकान, मकान, फ्लैट बेचकर लोगों को लालच के फेर में फंसा रहे हैं।

सहस्रधारा एरिया टॉप पर
दून में सहस्रधारा क्षेत्र में सबसे अधिक इलीगल प्लॉटिंग के मामले सामने आ रहे हैं। यहां यूपी और दिल्ली समेत कई अन्य प्रदेशों के लोग खूब बस रहे हैं, जिससे बिल्डर इस क्षेत्र में गिद्ध दृष्टि जमाए हुए है। इसके बाद शिमला बाईपास क्षेत्र में अवैध प्लॉॅटिंग का कारोबार चरम पर है। शहर के अंदर जमीन काफी कम रह गई है। जो हैं भी वह बेहद महंगी है। इसलिए पहाड़ों से आने वाले लोग शहर के आउटर वाले इलाकों में बस रहे हैं। सहस्रधारा एरिया पर्यटन के लिहाज से काफी मशहूर है। इसलिए इस क्षेत्र में बड़ी-बड़ी सेलीब्रेटीज बस रही है। यही वजह है कि यहां सबसे अधिक हाउसिंग प्रोजेक्ट भी है। कई सरकारी दफ्तर यहां हैं। कई सेलिब्रिटीज सहस्रधारा और मसूर डायवर्जन क्षेत्रों में जमीन और फ्लैट खरीद चुके हैं। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, हरियाणा और पंजाब के लोग पार्टनरशिप में जमीन खरीद कर बेच रहे हैं।

लालच से झांसे में आ रहे लोग
सहस्रधारा क्षेत्र में जमीनों के भाव सातवें आसमान पर हैं। इन इलाकों में सर्किल रेट से कई गुना रेट है, जो आम आदमी के बजट से बाहर है। यहां पर 25 हजार से लेकर 40 हजार प्रति गज के हिसाब से जमीन बिक रही है। इसलिए अवैध प्लॉॅटिंग करके ये डीलर लोगों को थोड़ा सस्ते का लालच देकर फंसाते हैं। राजपुर और मसूरी रोड के आस-पास भी 30 से 55 हजार रुपये प्रति गज है। जमीन के ऊंचे रेट होने से यहां अवैध कारोबार के मामले सबसे अधिक हैं। लोग सस्ते के लालच में बिल्डरों के चंगुल में फंस रहे हैं।

पिछले चार माह में ध्वस्त इलीगल प्लॉॅटिंग
123 बीघा डांडा लखौंड, सहस्रधारा
52 बीघा थानो, रायपुर
18 बीघा रतनपुर, शिमला बाईपास
40 बीघा बुल्लावाला, डोईवाला
05 बीघा शांति विहार, निरंजनपुर
60 बीघा प्रतीकपुर, शिमलाबाईपास
35 बीघा मेदनीपुर, शिमला बाईपास
70 बीघा आमवाला तरला, सहस्रधारा
15 बीघा मेंहूवाला
50 बीघा मसूरी डायवर्जन

वेबसाइट पर की सूची अपलोड
एमडीडीए ने बिल्डरों पर शिकंजा कसते हुए इलीगल प्लॉटिंग की लिस्ट तैयार की है। इस लिस्ट को एमडीडीए ने बकायदा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है। इसमें बिल्डरों के नाम भी शामिल हैं। कोई भी व्यक्ति एमडीडीए की साइट पर जाकर चेक कर सकता है। एमडीडीए ने लोगों को आगाह किया है कि लिस्ट में जारी इलाकों में पड़ताल के बाद ही जमीन खरीदें।

ये है इलीगल प्लॉटिंग की लिस्ट
- मौजा डांडा नूरीवाला, सहस्रधारा रोड
- शिवालिक रेजीडेंसी, बीमा विहार
- नईबस्ती मौथरोवाला, दीपनगर
- हर्रावाला पुलिस चौके के पीछे
- भागीरथीपुरम, बंजारावाला, दुधली
- धोरणखास, नागल हटनाला
- नथुवावाला, शांति विहार, गुजरोवाली
- कालागांव, सहस्रधारा, धर्मपुर डांडा
- अपर बद्रीश कलोनी, राजीव नगर
- मयूर कालोनी नेहरूग्राम, रायपुर
- कुल्हान मान सिंह, सहस्रधारा रोड
- नवाना निकट भत्त भट्टा

एमडीडीए अवैध प्लॉॅटिंग के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहा है। चालानी कार्रवाई के बाद भी यदि कोई अवैध प्लॉॅटिंग और निर्माण करते हुए पाया जाता है कि उनके खिलाफ प्राधिकरण के एक्ट के अनुरूप सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बंशीधर तिवारी, वाइस चेयरमैन, एमडीडीए
dehradun@inext.co.in