देहरादून (ब्यूरो): दून पुलिस दो बदमाशों को बिहार से दून लेकर पहुंच चुकी है। माना जा रहा है कि पुलिस अब इनसे पूछताछ करेगी और उसके बाद असली गुनाहगारों तक पहुंचेगी। बताया जा रहा है कि पुलिस को जिन दो आरोपियों की रिमांड मिली है, इन दोनों ने घटना करने वाले अभियुक्तों को फोन, मोटरसाइकिल और रुपये मुहैया कराए थे। दोनों बदमाशों का दून में पुलिस कस्टडी रिमांड हालिस करेगी।

अमृत व विशाल बिहार से दबोचा था

एसएसपी अजय ङ्क्षसह के मुताबिक डकैती के बदमाशों को फंङ्क्षडग करने और घटना के षड्यंत्र में शामिल दो बदमाशों अमृत कुमार व विशाल कुमार को 15 नवंबर को बिहार से गिरफ्तार किया गया था। दोनों बदमाशों को बिहार में हाजीपुर कोर्ट में पेश कर पुलिस द्वारा उनका ट्रांजिट रिमांड लिया गया है। दून पुलिस की ओर से दोनों बदमाशों को ट्रांजिट रिमांड पर फ्राइडे को दून लाया जा चुका है। अब पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर उनसे घटना को लेकर डिटेल से पूछताछ कर सकती है।

राज्य स्थापना दिवस की वारदात

उत्तराखंड स्थापना दिवस 9 नवंबर को कुछ बदमाशों ने राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेलरी शोरूम में डकैती डालकर कर्मचारियों और कुछ ग्राहकों को बंधक बनाकर 15 करोड़ रुपये की ज्वैलरी उड़ा ली थी। जिसके बाद वे फरार हो गए। इनकी धरपकड़ के लिए तब से लेकर अब तक लगातार पुलिस दबिश दे रही है। यहां तक कि पुलिस की एक दर्जन से ज्यादा टीमें जुटी हुई हैं। हालांकि, पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि डकैती का काम बिहार के सुबोध गैंग का है। गैंग ने इसी साल में देशभर के अलग-अलग राज्यों में रिलायंस ज्वैल्स शोरूम में डकैतियां डाली हैं।

आरोपी करते थे बदमाशों को फंडिंग

पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए अमृत कुमार और विशाल कुमार डकैती की घटना का अंजाम देने वाले बदमाशों को फंडिंग करते थे। पुलिस को इस संबंध में कुछ साक्ष्य भी मिले हैं। इसके साथ ही जब-जब बदमाशों को जिस चीज की जरूरत होती थी, वह भी उन्हें मुहैया कराया जाता था। इसमें खासकर बाइक, फोन, फंडिंग व अन्य सामग्री शामिल हैं।

1 माह तक की रेकी

पुलिस का दावा है कि बदमाशों ने दून में आकर करीब एक माह तक रुकने के बाद रेकी की थी। इसके लिए सेलाकुई क्षेत्र में एक कमरा भी लिया गया था। वे किस मकान पर रुके हुए थे, पुलिस जांच कर रही है। आरोपियों ने जिन आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज का यूज किया थ, वे सभी फर्जी पाए गए हैं।

धरपकड़ के लिए इन इलाकों में टीमें

-दिल्ली
-बिहार
-महाराष्ट्र

मनी ट्रांसफर को खोले फर्जी खाते

पुलिस का दावा, बिहार का ये गैंग पूरी तरह से फर्जीवाड़ा करने में भी माहिर है। अमृत के ऊपर जिम्मा लूट करने वाले बदमाशों को रुपये भेजने का होता था। इसके लिए उसने दर्जनों बैंक खाते फर्जी दस्तावेज पर खोले हुए थे। इन्हीं के माध्यम से बदमाशों को पैसे भेजे जाते थे। इन सब बैंक खातों की भी पुलिस जांच कर रही है।