- यूपीईएस के स्टूडेंट्स ने तैयार की है एडिबल कटलरी, बायोडिग्रेडेबल और ऑर्गेनिक हैं कटलरी

- बाजरा और दालों के कटलरी से पॉल्यूशन, पैसा और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

देहरादून,

अगर आपके सामने कोई चम्मच या बर्तन खाए तो क्या आप विश्वास करेंगे, आपका जवाब शायद ना होगा। लेकिन अब आपको विश्वास करना होगा। दून के कुछ स्टूडेंट्स ने बाजरा और दालों के कटलरी तैयार किए हैं। ये कटलरी कई मायने में खास हैं, ये कटलरी सिर्फ खाना खाने के लिए ही काम नहीं आएंगे बल्कि पॉल्यूशन कंट्रोल करने और रोजगार को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित होंगे।

बायोडिग्रेडेबल और ऑर्गेनिक हैं कटलरी

सिंगल यूज प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल और पॉल्यूशन के खतरे से लड़ने के लिए यूपीईएस के स्टूडेंट्स ने कुछ खास तरह की कटलरी बनाई हैं। यूपीईएस के स्टूडेंट्स ने एडिबल कटलरीज डिजाइन की है। ये कटलरी पॉल्यूशन के अनुकूल, बायोडिग्रेडेबल और ऑर्गेनिक हैं जो स्थानीय रूप से उपलब्ध कम इस्तेमाल किए जाने वाले हिमालयी मिलेट्स, बाजरा और दालों जैसे फिंगर मिलेट्स, बार्नयार्ड मिलेट्स, पर्ल मिलेट्स और चने, गहत की दाल से बनाई जाती हैं। यूपीईएस स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज के स्टूडेंट्स ऋषिका शर्मा, कंचन राजपूत, फरिया मुस्कान और शिवानी बिष्ट ने एडिबल कटलरीज डिज़ाइन की है।

रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

बढ़ते प्लास्टिक कचरे के संकट में प्लास्टिक कटलरी का सबसे बड़ा योगदान है। ऐसे में एडिबल, खाने योग्य, कटलरी इस मुद्दे से निपटने के लिए एक आदर्श समाधान है। इन कटलरीज में ऐसे चम्मच और बाउल्स हैं जिन्हें आप वास्तव में खा सकते हैं। एडिबल कटलरी को उन जिम्मेदार उत्पादों में से एक के रूप में देखा जाता है। इनको बनाने का उद्देश्य पौष्टिक कटलरी विकसित करने की मौलिक पद्धति मुहैया कराना है। साथ ही यह स्वदेशी दालों और बाजरा की खेती को बढ़ावा प्रदान करेगी। रोजगार और स्थिरता को बढ़ावा देने के साथ ही यह पारंपरिक कटलरी की तुलना में कम खर्चे का विकल्प भी देने जा रही हैं। इसके अलावा लघु उद्योगों और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने को बढ़ावा मिलेगा।

100 गुना ऊर्जा बचाती हैं एडिबल कटलरी

स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज की सहायक प्रोफेसर डॉ दिव्या रावत कहती हैं, एडिबल कटलरी का उपयोग करने का लाभ यह है कि अगर इसे फेंक दिया जाता है तो भी यह 20 दिनों या उससे भी कम समय में विघटित हो जाती है। यह पर्यावरण के अनुकूल, स्वादिष्ट और पौष्टिक हैं। एडिबल कटलरी प्लास्टिक की चम्मच की एक इकाई बनाने के लिए आवश्यक ऊर्जा को 100 गुना बचाती है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य स्थानीय बाजरा और दालों की खेती को बढ़ावा देना और उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाने में मदद करना है। बाजरा-आधारित कटलरी में कोई एडिटिव्स नहीं है और यह पूरी तरह से जैविक है। यह उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक रूप से लाभान्वित करेगा और पलायन को रोकेगा, जो कई गांवों में एक प्रमुख चिंता का विषय है।

जानवरों के लिए भी फायदेमंद

बाजरा से बने कटलरी लोगों के लिए भोजन समाप्त होने के बाद भी भोजन के रूप में काम करेगा। यहां तक कि अगर इन कटलरी को फेंका जाता है तब भी वे जानवरों, पक्षियों, पौधों और समुद्री जीवन के लिए खाद्य सामग्री की तरह काम करेंगी। इन एडिबल कटलरी को खनिज और विटामिन जैसे आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए और डी के साथ फोर्टिफाइ किया जाएगा। जो कि बच्चों के लिए मिड डे मील में भी कारगर हो सकती है। इस प्रोजेक्ट के बाद चम्मच और कटोरे बनाने पर भी फोकस किया जा रहा है।