DEHRADUN: सीएम आवास कूच के दौरान भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के कार्यकत्र्ता हाथीबड़कला में रोके जाने पर पुलिस से भिड़ गए। आगे जाने के लिए कार्यकत्र्ताओं ने पुलिस के साथ काफी देर तक धक्का-मुक्की और नोकझोंक की। कुछ कार्यकत्र्ता बैरिकेडिंग पर भी चढ़ गए। बैरिकेडिंग पार करने में नाकाम रहने पर हंगामा भी किया। हालांकि, पुलिस के आगे उनकी एक नहीं चली। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने 50 से अधिक नेताओं व कार्यकत्र्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद करीब एक घंटे तक सड़क पर बैठकर धरना देने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन देने के बाद कार्यकत्र्ता लौट गए। वहीं, गिरफ्तार किए गए नेताओं और कार्यकत्र्ताओं को रेसकोर्स स्थित पुलिस लाइन ले जाया गया। वहां से कुछ ही देर में सभी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।

एनएसयूआई ने 'रोजगार दो या डिग्री वापस लो' कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास कूच का ऐलान किया था। इसके लिए सभी कार्यकत्र्ता राजपुर रोड स्थित कांग्रेस भवन में एकत्र हुए। कूच में कांग्रेस के दिग्गज नेता और कार्यकत्र्ता भी शामिल होने के लिए पहुंचे। वहां पर एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह चौहान और जिला अध्यक्ष सौरभ ममगाईं ने सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर बेरोजगारों के साथ छल करने का आरोप लगाया। करीब दो बजे कार्यकत्र्ता जुलूस की शक्ल में कांग्रेस भवन से मुख्यमंत्री आवास के लिए निकले। दिलाराम चौक पहुंचकर कार्यकत्र्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की। करीब पौने तीन बजे कार्यकत्र्ताओं का हुजूम हाथीबड़कला पहुंचा। यहां उन्हें रोकने के लिए पहले से भारी पुलिस बल तैनात था। आगे जाने से रोकने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और एनएसयूआई के अध्यक्ष मोहन भंडारी दो दर्जन कार्यकत्र्ताओं के साथ बैरिकेडिंग पर चढ़ गए। हालांकि, पुलिस ने किसी को भी आगे जाने नहीं दिया। इसके चलते करीब 15 मिनट तक पुलिस व कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं के बीच तीखी झड़प हुई। हंगामा तब बढ़ गया, जब पुलिस ने बैरिकेडिंग पर चढ़े नेताओं को नीचे उतारने के लिए धकेलना शुरू किया। इसके बाद पुलिस ने गिरफ्तारी शुरू कर दी, तब जाकर मामला कुछ शांत हुआ।

बैरिकेडिंग के बीच फंसे मोहन भंडारी, पुलिस पर बरसे प्रीतम और देवेंद्र

बैरिकेडिंग पर चढ़े एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी को नीचे उतारने के लिए पुलिस ने धकेला तो वह दो बैरिकेडिंग के बीच फंस गए। इसपर हंगामा बढ़ गया। यह देखकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव का भी पारा चढ़ गया। दोनों वरिष्ठ नेताओं ने पुलिस को खूब खरी-खोटी सुनाई। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने मामले को शांत करवाया।

महिलाओं ने भी दिखाया दम

प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस ने भी दम दिखाया। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसोनी, ज्योति रौतेला, लक्ष्मी अग्रवाल आदि बैरिकेडिंग पर चढ़ गईं। गरिमा दसोनी से प्रदेश सरकार पर जमकर हल्ला बोला और प्रदेश की डबल इंजन सरकार को युवा विरोधी करार दिया।

पुलिस लाइन पहुंचे हरीश रावत

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एनएसयूआइ के मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान जुलूस में तो कहीं नजर नहीं आए। लेकिन, शाम को साढ़े चार बजे वह रेसकोर्स स्थित पुलिस लाइन पहुंच गए। वहां उन्होंने गिरफ्तार कर ले जाए गए सभी पार्टी नेताओं से मुलाकात की।

मोदी सरकार ने दिया धोखा

एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने हाथीबड़कला बैरिकेडिंग पर कार्यकत्र्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, मोदी सरकार ने युवाओं से वादा किया था कि प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरी दी जाएंगी। लेकिन, पिछले छह साल में नौकरी देने के बजाय लाखों युवाओं की नौकरी छीन ली गई। सरकारी उपक्रमों का निजीकरण कर मोदी सरकार चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है। उत्तराखंड में वन आरक्षी परीक्षा हुए एक साल से अधिक हो गया है, मगर अभी तक परिणाम घोषित नहीं किया। सरकारी विभागों में हजारों पद रिक्त हैं, लेकिन सरकार भर्ती प्रारंभ नहीं कर रही।

विधानसभा में उठाऐंगे बेरोजगारी का मुद्दा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार सभी मोर्चो पर विफल साबित हुई है। उत्तराखंड में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है। युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। चंद पदों के लिए परीक्षाएं ली जा रही हैं तो वर्षो तक परिणाम घोषित नहीं किए जा रहे। महंगाई से आमजन त्रस्त है। कांग्रेस आगामी विधानसभा सत्र में बेरोजगारी व महंगाई का मुद्दा जोर-शोर से उठाएगी।