- 500 से ज्यादा डॉक्टर्स ऑनलाइन चला रहे क्लीनिक

- टेलीमेडिसिन या व्हाट्सएप के जरिए कर रहे इलाज

देहरादून,

कोरोना कफ्र्यू और संक्रमण के कारण सिटी के अधिकतर प्राइवेट क्लीनिक बंद हैं। दून में करीब 500 से ज्यादा डॉक्टर्स अपना क्लीनिक चलाते हैं। इन क्लीनिक पर हजारों मरीज इलाज करवाते हैं। दूरदराज क्षेत्र से बेहतर सुविधाओं के चलते मरीज इनके पास इलाज कराने आते हैं। लेकिन पिछले एक माह से अधिकतर क्लीनिक बंद हैं। ऐसे में प्राइवेट डॉक्टर्स भी टेलीमेडिसन या व्हाट्सएप के जरिए मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

ऑनलाइन हो रहा ट्रीटमेंट

आईएमए के प्रांतीय महासचिव डॉ। डीडी चौधरी ने बताया कि कोरोना के कारण कई डॉक्टर्स संक्त्रमित हुए हैं। लेकिन इस बीच वे अपने मरीजों का इलाज करते रहे। उन्होंने बताया कि आईएमए ने अपने सभी डॉक्टर्स को जोड़कर टेलीमेडिसन सर्विस शुरू की थी। जो पिछले कोरोनाकाल से चल रही है। इसके साथ ही जो मरीज उनके क्लीनिक पर इलाज कराने आते थे, उन्हें व्हाट्सएप पर वे प्रिस्कि्त्रप्शन भेजकर दवाइयां बताते हैं। इसके साथ ही मरीज अपनी रिपोर्ट और समस्याओं को भी व्हाट्सएप पर शेयर करते हैं। दून की सीनियर गायनोकॉलोजिस्ट डॉ। सुमन सेठी ने बताया कि कोरोनाकाल में सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं को होती है। ऐसे में जरूरी होने पर महिलाओं को क्लीनिक पर आना पड़ता है। लेकिन ज्यादा जरूरी न हो तो डॉक्टर्स टेलीमेडिसन से ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

कोरोना के कारण कई डॉक्टर्स संक्त्रमित हुए हैं। साथ ही कफ्र्यू के कारण भी अधिकतर क्लीनिक बंद हैं। ऐसे में डॉक्टर्स टेलीमेडिसन या व्हाट्सएप के जरिए ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

डॉ। डीडी चौधरी, प्रांतीय महासचिव, आईएमए

गर्भवती महिलाओं को कई बार बड़ी समस्या होती है। जिसके लिए उन्हें क्लीनिक में आना ही पड़ता है। लेकिन सामान्य होने पर टेलीमेडिसन के जरिए ही इलाज किया जा रहा है।

डॉ। सुमन सेठी, सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट

आयुर्वेद का भी सहारा

कोरोनाकाल में लोग एलोपैथिक ही नहीं आयुर्वेद और होम्योपैथिक टेलीमेडिसन सर्विस का सहारा भी पेशेंट्स ले रहे हैं। रायपुर स्थित कौशिक होम्यो क्लीनिक द्वारा मई 2020 से ही निशुल्क हेल्पलाइन सेवा चलाई जा रही है। कौशिक होम्यो क्लीनिक के संचालक डॉ शैलेन्द्र कौशिक एवं डॉ प्रिया पांडेय कौशिक द्वारा निशुल्क परामर्श दिया जा रहा है। इसके साथ ही कुछ जरूरतमंदो को दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक वे 2 लाख से भी ज्यादा इम्यूनिटी बूस्टर दवा निशुल्क बांट चुके हैं।

इन बीमारियों के लिए क्वेरी

शुगर

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गर्भवती महिलाएं