देहरादून (ब्यूरो)। सहसपुर पुलिस के अनुसार बीती रात पुलिस टीम मानसिक अस्पताल, सारना नदी के पास पुलिस ने शक होने पर एक व्यक्ति को रोका। तलाशी लेने पर उसके पास भारी मात्रा में ऐसी टैबलेट और कैप्सूल मिले जिन्हें नशे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पुलिस के अनुसार उसके पास 5 अलग-अलग ब्रांड की दवाइयों के पैकेट मिले। इसमें 1200 टैबलेट और 1308 कैप्सूल थे। आरोपी ने अपना नाम सईदुजामा कुरैशी बताया। वह मूल रूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है और फिलहाल किराये के कमरा लेकर सहसपुर के रामपुर मोहल्ले में रह रहा है।

पिरान कलियर, यूपी और पंजाब से आती है खेप
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह यूपी से नशे की टैबलेट और कैप्सूल लेकर आता है। इसके अलावा पिरान कलियर से भी कम कीमत पर दवाइयां और कैप्सूल खरीदता है और दून में महंगे दाम पर बेचता है। दून में अब तक पकड़े गये नशे वाली दवाओं के ज्यादातर तस्कर ये दवाइयां पिरान कलियर से ही लेकर आये थे। बताया जाता है पिरान कलियर से पंजाब सहित कई अन्य राज्यों में भी ये दवाइयां सप्लाई की जाती हैं। दून में मुख्य रूप से विभिन्न एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स इन दवाइयों के कस्टमर हैं। वे नशे के रूप से इन गोलियों और कैप्सूल का इस्तेमाल करते हैं।

साइकोट्रॉपिक दवाओं की तस्करी
कई साइकोट्रॉपिक दवाओं का इस्तेमाल नशे के लिए किया जा रहा है। इनमें टैबलेट, कैप्सूल और इंजेक्शन शामिल हैं। ये आमतौर पर वे दवाएं हैं जिन्हें पेन किलर या एंग्जाइटी के लिए डॉक्टर्स के द्वारा प्रिस्क्राब्ड किया जाता है। बिना डॉक्टर्स के प्रिस्कि्रप्शन के ये दवाएं बेचना इलीगल है। इन दवाओं का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने पर नशे का अहसास होता है और इनके आदी हो जाने के बाद कस्टमर किसी भी कीमत पर दवाइयां हासिल करने के प्रयास करता है। तस्कर इसका भरपूर लाभ उठाते हैं और कस्टमर को मनमाने दाम पर दवाइयां बेचते हैं।