- सृष्टि गोस्वामी ने एक दिन की सीएम बनकर 13 विभागों की समीक्षा के दौरान अफसरों के सामने रखा अपना विजन

- बालिका सुरक्षा, पलायन जैसे मसलों पर जताई चिंता, इस दिशा में काम करने को दिए सुझाव

देहरादून,

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर देहरादून में बेटियों ने अपना लोहा मनवाया है। सृष्टि गोस्वामी ने 5 घंटे तक एक दिन की सीएम बनकर महिला सशक्तीकरण की मिसाल पेश की। सृष्टि ने 13 विभागों की समीक्षा के दौरान अफसरों को महत्वपूर्ण सुझाव तो दिए ही, राज्य के विकास को लेकर अपना विजन भी सामने रखा। सृष्टि ने बालिका सुरक्षा, पलायन जैसे मसलों पर चिंता जताई और इस दिशा में काम करने को सुझाव दिए।

चाइल्ड प्रोटेक्शन विंग के बारे में ली जानकारी

संडे दोपहर 12 बजे बालिका मुख्यमंत्री सृष्टि की फ्लीट रेसकोर्स स्थित विधायक निवास से विधानसभा पहुंची। जहां सीएम के प्रतिनिधि के रूप में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत और बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने विधानसभा के सभागार में चार बजे तक 13 विभागों की समीक्षा की। अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उनके सामने विभागीय योजनाओं पर रोशनी डाली। बालिका सीएम ने अधिकारियों की बात को गंभीरता से सुना। भारी वाहन वाले सबसे लंबे डोबरा-चांठी झूलापुल के प्रस्तुतीकरण को देखने के बाद उन्होंने तत्काल सुझाव दिया कि राज्य में जितने भी पुल हैं, उनका सर्वेक्षण कराकर पुराने पुलों के जीर्णोद्धार कराया जाए। .उन्होंने जिलों में चाइल्ड प्रोटेक्शन विंग के सुचारू न होने के बारे में भी जानकारी मांगी और इसकी राह में आ रही दिक्कतों को तुरंत दूर कराने को कहा। बाद में सृष्टि गोस्वामी केदारपुरम स्थित बालिका एवं शिशु निकेतन का निरीक्षण करने पहुंचीं। उन्होंने निकेतन में हो रहे कार्यो की समीक्षा करने के बाद वहीं पर खाना भी खाया। इस मौक पर सृष्टि ने कहा कि हर जिले में बालिका एवं शिशु निकेतन होना जरूरी है।

मेधावी छात्राओं को दिए गए स्मार्ट फोन

राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेशभर की मेधावी छात्राओं को स्मार्ट फोन देकर सम्मानित किया गया। स्मार्ट फोन पाकर बालिकाओं के चेहरे खिल उठे। बालिकाओं ने इस फोन का इस्तेमाल पढ़ाई और सकारात्मक कार्यो के लिए करने का संकल्प भी लिया। प्रदेश की 159 मेधावी छात्राओं को स्मार्ट फोन दिए गए। सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित समारोह का उद्घाटन करते हुए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री रेखा आर्य ने मेधावियों को शुभकामनाएं दीं। रेखा आर्य ने कहा कि बालिकाओं को सशक्त बनाने की शुरुआत घर से करने की जरूरत है। नींव मजबूत किए बिना बालिकाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आज भी समाज में महिलाओं पर वर्चस्व बनाने की मानसिकता बरकरार है, इसे बदले बिना महिलाओं को उच्च दर्जा नहीं मिल सकता। उन्होंने दो टूक कहा कि महिलाओं को भी अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। महिलाएं खुद ही समाज में ऐसी धारणाएं पैदा कर देती हैं, जो उन्हीं के लिए हानिकारक हैं। कहा कि चाहे महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर क्यों न हों, लेकिन मानसिक तौर पर पुरुषों से मजबूत होती हैं।

एक क्लिक पर मिलेगी विभाग की हर जानकारी

समारोह के दौरान मंत्री रेखा आर्य ने विभाग के लिए एनआईसी की ओर से तैयार प्रबंधन सूचना प्रणाली का उद्घाटन भी किया। इसके तहत विभाग के पोर्टल की लॉचिंग हुई। जिस पर एक क्लिक पर विभाग की हर जानकारी मिलेगी। विभागीय सचिव हरीश चंद ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं से लेकर सचिव स्तर के लिए अलग-अलग लॉगइन तैयार किए गए हैं। कहा कि इस व्यवस्था से विभाग में पारदर्शिता बढ़ने के साथ ही काम में भी तेजी आएगी।

किस जिले से कितनी मेधावी:-

अल्मोड़ा-17

बागेश्वर -8

चमोली - 12

चंपाव-10

देहरादून -10

टिहरी- 14

ऊधमसिंह नगर -10

उत्तरकाशी - 14्र

हरिद्वार =11

नैनीताल- 12

पौड़ी - 20

पिथौरागढ़ - 12

रुद्रप्रयाग-9