देहरादून (ब्यूरो) पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि अब तक आईपीएल मैच के नाम पर ये गिरोह तमाम बैंक अकाउंट में करीब 20 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन कर चुका है। इस दौरान पुलिस ने 9.25 लाख रुपए की नकदी भी आरोपियों से बरामद की है। एसएसपी दून अजय ङ्क्षसह ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि राजपुर क्षेत्र में आईपीएल में ऑनलाइन सट्टेबाजी की गोपनीय इंफॉर्मेशन मिली थी। इसके बाद सीओ मसूरी अनुज कुमार के नेतृत्व में कई पुलिस टीमों का गठन किया गया। थानाध्यक्ष राजपुर पीडी भट्ट ने टीम सहित राजपुर स्थित पुरकुल सड़क किनारे एक फ्लैट में दबिश दी। जहां आईपीएल मैचों में ऑनलाइन सट्टा लगा रहे 9 आरोपी दबोचे।

ये हैं गिरफ्तार आरोपी
-सिराज मेमन निवासी सिविल लाइन निकट साई मंदिर जिला दुर्ग थाना सिविल लाइन छत्तीसगढ़
-सौरभ निवासी चिलवाड़ा छत्तीसगढ़
-विवेक अधिकारी निवासी कोरबा थाना एक्सल छत्तीसगढ़
-लोकेश गुप्ता निवासी पीपल चौराहा थाना करोड़ एमपी
-सोनू कुमार निवासी औरंगाबाद बिहार
-मोनू निवासी अंबिकापुर थाना माली जनपद सरगुआ छत्तीसगढ़
-विकास कुमार निवासी कर्•ाा जनपद मुजफ्फरपुर बिहार
-शिवम निवासी थाना टिकरापारा छत्तीसगढ़
-शत्रुघ्न कुमार निवासी जीवन नाथ मुजफ्फरपुर बिहार

दुबई से शुभम चलाता है नेटवर्क
पुलिस ने आरोपियों के पास से ऑनलाइन सट्टा लगाने में यूज किए जा रहे 8 लैपटॉप, 50 मोबाइल फोन व नकदी बरामद की है। पुछताछ में आरोपियों ने बताया कि ऑनलाइन सट्टे का पूरा नेटवर्क दुबई से शुभम नाम का व्यक्ति चलाता है। दून में सट्टे का काम सिराज मेनन देखता है। वह मोबाइल फोन के जरिये ऑनलाइन सट्टे की साइट लेजर, टाइगर व ऑल पैनल पर जाकर सट्टा खिलवाते हैं और लोगों से रुपये लेकर बुकी का काम करते हैं। ऑनलाइन सट्टे की वेबसाइट्स की आईडी व ङ्क्षलक उन्हें शुभम निवासी छत्तीसगढ़ उपलब्ध कराता है।

1 मैच में 1 करोड़ तक कलेक्शन
बताया गया है कि शुभम रुपये लेकर आरोपियों को सट्टे के ऑनलाइन प्वाइंट उपलब्ध कराता है। जिन्हें दून में बैठे आरोपी लोगों को ऑनलाइन बेचकर उनसे रुपये लेकर सट्टा खिलवाते हैं। सट्टे की सारी धनराशि ऑनलाइन गूगल पे के जरिए ली जाती है। वेडनसडे रात चेन्नई व पंजाब आईपीएल मैच में ऑनलाइन सट्टा लगाकर करीब 9 लाख रुपए का क्लेक्शन किया था। पूरे मैच में एक करोड़ रुपये का कलेक्शन किया जाना था। इससे पहले ही पुलिस ने आरोपियों को अरेस्ट कर लिया।

1 माह में 20 करोड़ का ट्रांजेक्शन
पुलिस की मानें तो पुलिस के हाथ जानकारी लगी है कि गत एक माह के दौरान आरोपियों के बैंक अकाउंट में करीब 20 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। इसको लेकर पुलिस जांच पर जुट गई है।

ऐसे लगवाते हैं सट्टा
ग्राहकों को सट्टा खिलवाने के लिए बाकायदा ङ्क्षलक भेजा जाता है। पुलिस जांच में सामने आया है कि कस्टमर की ओर से लिंक पर क्लिक करते ही आरोपियों का एक नंबर उपलब्ध हो जाता है। इसके बाद आरोपी उस नंबर को वाट््सएप से ङ्क्षलक करके कस्टमर से संपर्क करते हुए उनका वाट््सएप डाटाबेस तैयार करते हैं। सट्टा खिलवाने में यूज किए जाने वाली साइट्स में से ग्राहक की ओर से सिलेक्ट की गई साइट के माध्यम से उसे वाट््सएप के जरिए डिपाजिट स्लिप उपलब्ध कराते हैंं। जिसमें बैंक की डिटेल दी जाती है। इसके बाद आरोपी बैंक अकाउंट में लेनदेन करते हैं। पेमेंट करने के बाद ग्राहक की आईडी जेनरेट होती हैं। उसके बाद आरोपी पासवर्ड कस्टमर्स को उपलब्ध कराते हैं। उसके बाद कस्टमर्स की ओर से गूगल क्रोम के जरिये उस साइट को खोलकर ऑनलाइन सट्टा लगाते हैं। जीतने पर कस्टमर वाट््सएप से आरोपियों से संपर्क करते हैं। उसके बाद ऑनलाइन विड्रॉल फार्म भरकर धनराशि अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है।


पुलिस को फ्लैट्स में कुछ संदिग्ध गतिविधियां संचालित होने की सूचना मिली थी। टीम ने दबिश दी तो वहां आईपीएल के नाम पर सट्टेबाजी देखने को मिली। पकड़े गए आरोपी ऑनलाइन आईडी बनाकर सट्टेबाजी करते थे। ऐसी गतिविधियों पर आगे भी पुलिस की नजर बनी हुई है।
-अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून।

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