देहरादून (ब्यूरो) पिछले कई समय से चर्चाओं में रहा दून के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम पर अब सरकार ने पूरी तरह अपना कब्जा जमा लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जीर्ण-शीर्ण हो चुके स्टेडियम को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। बल्कि, वर्ष 2018 की स्थिति में लाने के लिए भी महकमे ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में संडे को प्रमुख सचिव खेल व स्पोट्र्स डायरेक्टर ने कई घंटे तक स्टेडियम का दौरा किया। जहां मुआयने के दौरान पता चला कि कई सालों से बंद पड़े स्टेडियम को काफी नुकसान पहुंचा है। जिसके जीर्णोद्वार के लिए सरकार को फिर से करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। अधिकारियों ने अपने निरीक्षण के दौरान पाया कि राजीव गांधी इंटरनेशलन क्रिकेट स्टेडियम को सबसे ज्यादा नुकसान कोविडकाल में हुआ।

साफ-सफाई भी शुरू
सरकार के स्टेडियम के टेकओवर के दूसरे ही दिन असर दिखने लगा। जहां सुबह से ही साफ सफाई देखने मिली। पिच को भी सुधारा जा रहा है। स्टेडियम में मौजूद कुर्सियों को ठीक किया जा रहा है। हालांकि, इसके पीछे ये भी बताया जा रहा है कि इस स्टेडियम में आगामी 22 फरवरी से लेकर 3 मार्च तक आईवीपीएल (इंडियन वेटरन क्रिकेट प्रीमियर लीग) का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें क्रिकेट के दिग्गज अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। इस आईवीपीएल में विरेंद्र सहवाग, यूसुफ पठान, हर्शल गिब्स, सुरेश रैना, प्रवीण कुमार, क्रिस गेल जैसे खिलाफ अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। स्पोट्र्स डायरेक्टर जीतेंद्र सोनकर ने बताया कि आईवीपीएल के लिए अब स्पोट्र्स डिपार्टमेंट ही परमिशन देगा।

2016 में बना था स्टेडियम
दून के रायपुर क्षेत्र में वर्ष 2016 में 237 करोड़ रुपये की लागत से राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हुआ था। मई 2018 में राज्य सरकार ने आईएल एंड एफएस कंपनी को 30 साल के लिए स्टेडियम के संचालन का जिम्मा सौंपा था। कोरोनाकाल में कंपनी ने आर्थिक अभाव में इंसोलवेंसी के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में याचिका फाइल कर स्टेडियम का संचालन करने में असमर्थता जताई। तब से लेकर अब तक स्टेडियम का संचालन नहीं हो पा रहा था।

स्टेडियम को बनाएंगे ऑपरेशनल
स्पोट्र्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अनुसार स्टेडियम को ऑपरेशन बनाना पहला लक्ष्य है। न कि नाच, गाने व अन्य फंक्शन को कराना। क्या अब स्टेडियम का संचालन खुद सरकार खेल विभाग के जरिए कराएगी या फिर किसी दूसरे फर्म को सौंपेगी। इस पर स्थिति साफ नहीं है। जिस पर सरकार को निर्णय लेना बाकी है।

अभी भी प्राइवेट सिक्योरिटी
मंडे को खेल विभाग के अधिकारियों ने स्टेडियम का दौरा किया। उस दौरान गेट पर पूर्व में संचालन देख रही कंपनी के ही सिक्योरिटी गार्ड मौजूद थे। जिनका कहना था कि इस माह तक उनकी ड्यूटी है। उसके बाद सरकार के हाथों में स्टेडियम की सिक्योरिटी चली जाएगी।

ढक रहे टूटी-फूटी सड़क
स्टेडियम की बदहाली का इस बात से अंजादा लगाया जा सकता है कि यहां स्टेडियम तक पहुंचने के लिए जो सड़क बनी थी, वह टूट-फूट गई है। जिसको ढकने के लिए बोर्डों की मदद ली गई है। लेकिन, अभी भी ये सड़क किसी खतरे से कम नहीं बनी हुई है।


क्रिकेट स्टेडियम को सुधारने की कोशिश होगी। खेल प्रेमी ग्राउंड में खेल का लाभ उठा पाएंगे। इस वर्ष होने वाले नेशनल गेम्स सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। स्टेडियम भी इस काम आ सके। इस बारे में विचार चल रहा है।
-अमित सिन्हा, प्रमुख सचिव, खेल।

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