-हादसों का कारण बने ब्लैक स्पॉट को सुधारने के लिए ट्रैफिक विभाग संबंधित विभागों के साथ करेगी ज्वाइंट इन्स्पेक्शन
-दून में 49 ब्लैक स्पॉट और 58 एक्सीडेंट प्रोन एरिया पहले ही किए जा चुके हैं चिह्नित
देहरादून,
राजधानी की सड़कों पर हादसों का कारण ढूंढने के लिए अब ट्रैफिक पुलिस ऑपरेशन ब्लैक स्पॉट चलाने जा रही है। अगले कुछ दिनों तक ट्रैफिक पुलिस संबंधित विभागों के साथ ज्वाइंट इंस्पेक्शन करेगी। इसके बाद ब्लैक स्पॉट को सुधारने के लिए वर्कआउट भी किया जाएगा। दून में 49 ब्लैक स्पॉट और 58 एक्सीडेंट प्रोन एरियाज स्पॉट किए जा चुके हैं।
हादसों भरा रहा जून
राजधानी की सड़कों पर हो रहे हादसे दून पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज बनता जा रहा है। अनलॉक होते ही दून में जून का महीना सड़क हादसों के लिहाज से भारी गुजरा। जून में दर्जन भर से ज्यादा सड़क हादसे हुए जिनमें 13 लोगों ने जान गंवाई। ज्यादातर हादसे दून के आउटर एरिया में हुए हैं।
लॉकडाउन में भी हुए हादसे
लॉॅकडाउन के दौरान भी दून में 13 हादसे हुए, हादसों के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए दून पुलिस ने हेवी व्हीकल्स पर अभियान भी चलाया। बीते संडे को मसूरी रोड पर भी हादसे में दो लोगों ने जान गंवाई। ऐसे में दून में सड़क हादसों पर रोकथाम करना पुलिस के बड़ा चैलेंज साबित हो रहा है। ट्रैफिक पुलिस की ओर से ऑपरेशन ब्लैक स्पॉट भी शुरू किया जा रहा है, एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि दो दिनों में ब्लैक स्पॉट वाले लोकेशन पर ट्रैफिक पुलिस और संबंधित विभाग इन्स्पेक्शन कर सॉल्यूशन तलाशेंगे।
ये है पैरामीटर
ब्लैक स्पॉट- एनएच के लगभग 500 मीटर के दायरे में ऐसा स्पॉट जहां पर पिछले 3 वर्षो में 10 रोड एक्सीडेंट हुए हों।
एक्सीडेंट प्रोन एरिया- जिस एरिया में कुछ समय से रोड एक्सीडेंट के ज्यादा मामले सामने आए हों।
-दून की सड़कों पर 49 ब्लैक स्पॉट =
सिटी-
पटेलनगर- 6
राजपुर- 6
नेहरू कॉलोनी- 4
कैंट- 3
प्रेमनगर- 3
आउटर दून-
रायवाला- 4
ऋषिकेश- 5
मसूरी- 3
सहसपुर- 4
विकासनगर- 6
डोईवाला- 5
58 दुघर्टना संभावित स्थल-
राजपुर- 4
पटेलनगर- 4
रायपुर- 2
क्लेमेंटटाउन -1
प्रेमनगर- 2
नेहरू कॉलोनी- 1
वसंत बिहार- 1
मसूरी- 2
कैंट- 3
रायवाला- 4
रानीपोखरी- 4
डोईवाला- 7
ऋषिकेश- 7
कालसी- 6
विकासनगर- 6
सहसपुर- 4
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दून में ब्लैक स्पॉट और एक्सीडेंट प्रोन एरिया पहले ही चिह्नित किए जा चुके हैं। अब दो दिनों तक संबंधित विभाग के साथ स्पॉट का ज्वाइंट इंस्पेक्शन किया जाएगा। जिसके बाद स्पॉट को सुधारने के लिए सॉल्यूशन पर वर्कआउट किया जा सके।
प्रकाश चंद्र आर्य, एसपी ट्रैफिक