देहरादून (ब्यूरो)। शराब की दुकानों में कोई भी शराब तय रेट पर नहीं मिल पाती। एक क्वार्टर खरीदने पर भी कम से कम 10 रुपये की एक्स्ट्रा वसूली की जाती है। हाफ पर यह वसूली 20 रुपये और बोटल पर 30 रुपये तक पहुंच जाती है। इस तरह से दून में हर रोज शराब की दुकानों पर करोड़ों रुपये एक्स्ट्रा वसूली होती है। शराब के हर ठेके के बाहर संबंधित अधिकारियों के फोन नंबर भी चस्पा हैं, लेकिन जब कोई ओवर रेटिंग का विरोध करता है तो ठेकेदार साफ अधिकारियों के नंबर की तरफ इशारा करके बता देते हैं कि हम से बात न करो अधिकारी को फोन कर लो।

छापेमारी में मामूली कमियां
डीएम ने बेशक शराब की दुकानों को ओवर रेटिंग की शिकायतों के बाद ओवर रेटिंग रोकने के आदेश दिये हों, लेकिन आबकारी विभाग की टीम को सिर्फ देशी शराब की एक दुकान पर ही ओवर रेटिंग मिली। वेडनसडे को भी आबकारी टीम ने कई दुकानों को निरीक्षण किया। राजपुर रोड की दुकान पर पीओएस मशीन में बिल प्रिंट नहीं हो रहा था, तो चेतावनी दे दी गई। इससे पहले मंडे को भी कई दुकानों का इंस्पेक्शन करने का दावा किया गया, लेकिन हर जगह सब कुछ ठीक-ठाक मिला। कहीं भी ओवर रेटिंग नहीं मिली। होलोग्राम, रेट लिस्ट, सीसीटीवी कैमरा, बिलिंग मशीन और शराब व बीयर की कीमत बिल्कुल ठीक दामों पर बेची जा रही थी।

16 मई को 4 दुकानों का चालान
डीएम के आदेश के बाद पहली बार 16 मई को आबकारी विभाग ने दुकानों का इंस्पेक्शन किया था। इस दिन 4 दुकानों पर ओवर रेटिंग पाई गई थी। इनमें कांवली रोड, जीएमएस रोड, ट्रांसपोर्ट नगर के शराब के ठेके और सुभाष नगर की बीयर की दुकान शामिल थी। इन चारों दुकानों में ओवर रेटिंग मिली थी और चारों के चालान भी हुए थे। इसके बाद कहीं भी ओवर रेटिंग नहीं मिली। जबकि अब भी ज्यादातर दुकानों में प्रिंट रेट से 10 से 40 रुपये तक ज्यादा वसूली शराब और बीयर पर धड़ल्ले से की जा रही है।

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