- सरकार की घोषणा के बाद भी दूसरे राज्यों के लिए नहीं चली बसें

- अधिकारियों को नहीं मालूम किस दिन से चलेंगी बसें

देहरादून,

सरकारी घोषणा के बावजूद आज दिल्ली सहित दूसरे राज्यों के लिए बसें नहीं चली। ऐसे में आईएसबीटी पहुंचे लोगों को वापस लौटना पड़ा। फिलहाल राज्य के सीमा के अंदर चल रही बसों को किराया आज से कम हो गया है, इससे लोगों ने राहत की सांस ली।

आईएसबीटी पहुंचे लोग

राज्य सरकार ने मंडे को घोषणा की थी कि ट्यूजडे को दिल्ली और दूसरे राज्यों के लिए बसें चलनी शुरू हो जाएंगी। राज्य सरकार की गाइलाइंस के अनुसार इस बार आधी सवारियां बिठाने और दोगुना किराया कम लेने की शर्त भी वापस ले ली गई है। मीडिया में खबरें आने के बाद आज कई लोग दिल्ली जाने के लिए आईएसबीटी पहुंचे, लेकिन बसें नहीं चली। ऐसे में लोगों को वापस लौटना पड़ा।

कल से परसों से

दिल्ली और दूसरे राज्यों के लिए रोडवेज बसें कब से चलेंगी, अधिकारियों को भी अभी तक यह मालूम नहीं है। आईआईबीटी पर स्टेशन सुपरटेंडेंट नीलिमा शर्मा से जब पूछा गया कि दिल्ली के लिए बसें कब से चलेंगी तो उनका जवाब था कि कल या परसों से शुरू हो जाएंगी। कल से या परसों से, इस सवाल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यानी कि ट्यूजडे दोपहर तक स्टेशन सुपरटेंडेंट को नहीं मालूम था कि बसें कब से चलनी हैं।

इंक्वायरी पर अधूरा जवाब

इंक्वायरी पर भी लोग दूसरे राज्यों में जाने वाली बसों के बारे में पूछताछ करने पहुंच रहे हैं। लेकिन, वहां भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिल रहा है। इंक्वायरी पर बैठे कर्मचारी ने बताया कि बसें चलने का आदेश तो आया है, लेकिन कब से बसें चलेंगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। इंक्वायरी करने वालों को भी वे अभी ठीक से जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

परेशान रहे लोग

दिल्ली जाने वाली बसों के बारे में इंक्वायरी करने पहुंची नेहा ने बताया कि उसे कल दिन तक दिल्ली पहुंचना है। कल दोपहर बाद 3 बजे से दिल्ली से मुंबई के लिए उसकी ट्रेन है। लेकिन, यहां से बस कब तक मिलेगी, पता नहीं चल रहा है। बस के बारे में जानकारी न मिलने पर नेहा रेलवे स्टेशन चली गई, ताकि ट्रेन से दिल्ली पहुंचा जा सके। दिल्ली के लिए चले अमित को बस नहीं मिली तो वह आईएसबीटी के बाहर से ऑटो करके आशारोड़ी चला गया, ताकि यूपी रोडवेज की बस पकड़ी जा सके।

देर से किया फैसला

आईएसबीटी पर बुक्स का स्टॉल चलाने वाले श्री सिंगल का कहना था कि राज्य सरकार को काफी पहले से बसें चलानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को दिल्ली जाना है, वे किसी न किसी साधन से जा रहे हैं और जिनको देहरादून आना है वे भी आ ही रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार रोडवेज की बसें बंद करके अपना ही नुकसान करवा रही है। उन्होंने कहा कि बसें न चलने से मार्च के बाद से उनका धंधा भी पूरी तरह से ठप है। उन्होंने कल से ही स्टॉल फिर से खोला है।

खुलने लगे स्टॉल

बसें चलाने की घोषणा के बाद आईएसबीटी पर बंद पड़े स्टॉल खुलने लगे हैं। ट्यूजड को तीन स्टॉल खुल गये। स्टॉल वालों को उम्मीद है कि बसें चलने लगेंगी तो उनकी रोजी-रोटी फिर से चलने लगेगी। फिलहाल 6 महीने से वे पूरी तरह से खाली हैं। हालांकि कुछ स्टॉल वालों का मानना है कि अभी लोग कोरोना के कारण डरे हुए हैं, केवल वही लोग फिलहाल यात्रा करेंगे, जिनके लिए बहुत जरूरी होगा।

लोकल बसों पर सवारी नहीं

आईएसबीटी से फिलहाल राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए बसें चल रही हैं। पर्वतीय क्षेत्रों के कुछ स्टेशन के लिए बसें सुबह रवाना हो जाती हैं। इसके अलावा हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, ऋषिकेश आदि शहरों के लिए लगातार बसें चल रही हैं, लेकिन इन बसों में इक्का-दुक्का सवारियां ही जला रही हैं। दूसरे राज्यों की बसों को भी अभी दून में आने की अनुमति नहीं मिली है। इस स्थिति के चलते यूपी रोडवेज की बसें आशारोड़ी तक ही ऑपरेट की जा रही हैं।

किराया कम होने से राहत

राज्य के भीतर चलने वालों में आज से किराया कम हो गया है, इससे इन बसों में यात्रा करने वालों ने राहत की सांस ली है। अब तक इन बसों में आधी सवारियां और दोगुना किराया लेने का नियम था। अब इस नियम को खत्म कर पूरी सवारियां और पहले जितना किराया लेने का नियम बना दिया गया है।

इंटरस्टेट बस सर्विसेज शुरू करने की पूरी तैयारियां कर दी गई हैं। उम्मीद है कि कल या परसों से सभी बसें निर्धारित समय पर चलने लगेंगी।

नीलिमा शर्मा, स्टेशन सुपरटेंडेंट

आईएसबीटी, देहरादून