- दून में कभी भी हो सकता है दिल्ली वाला धमाका

- पाबंदी के बाद भी पेट्रोल पंप पर आसानी से मिल रहा बोतल में पेट्रोल

- एक हफ्ते किया शहर के दर्जनों पेट्रोल पंप का स्टिंग

देहरादून।

2002 में गोधरा कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हर तरह के ज्वलनशील पदार्थो की बॉटल में ब्रिकी पर रोक लगा दी थी। खास तौर पर बॉटल में पेट्रोल ले जाने पर रोक लगी थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी पेट्रोल पंप संचालक नियम की अनदेखी करते हुए धड़ल्ले से बॉटल में पेट्रोल बेच रहे हैं। हाल ही में दिल्ली के दंगों में उपद्रवियों ने खुलेआम पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया था। इसके बाद भी देहरादून में पुलिस-प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया।

सेफ्टी से खिलवाड़

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम ने जब इसकी हकीकत जानने के लिए शहर के दर्जनों पेट्रोल पंप का स्टिंग किया। तो जानकर अचंभा हुआ कि अधिकतर पेट्रोल पंप आसानी से बॉटल में पेट्रोल बेच रहे हैं। लगातार एक हफ्ते तक आई नेक्स्ट ने इस बेहद सेंसिटिव मुद्दे की असलियत परखी। चौंकाने वाला सच यह मिला कि केवल एक-दो पेट्रोल पंप संचालकों ने ही बॉटल में पेट्रोल देने से मना किया। आइए आपको बताते हैं कि नियम कायदों को ताक पर रखकर किस तरह दून के लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

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ऐसे की पड़ताल

सबसे पहले दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम लाल पुल स्थित पेट्रोल पंप में खाली बॉटल लेकर पहुंची। टीम ने जैसे ही गाड़ी में पेट्रोल खत्म होने की बात कही तो वहां मौजूद स्टाफ ने बॉटल में आसानी से पेट्रोल दे दिया। पूछताछ तक नहीं की, कि बॉटल में पेट्रोल क्यों लिया जा रहा है।

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हर कोई बेपरवाह

कुछ ऐसा ही हाल राजा रोड स्थित फिलिंग स्टेशन का भी था। टीम ने बॉटल में पेट्रोल लेने की बात कही तो उसने सीधे बॉटल मांगी और पेट्रोल भर दिया।

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फ्यूल बेचने से मतलब

इसी तरह टीम सहारनपुर रोड स्थित एक फिलिंग स्टेशन पर पहुंची। पेट्रोल पंप स्टाफ को बॉटल दी और पेट्रोल मांगा। स्टाफ ने बिना किसी सवाल के बॉटल में पेट्रोल दे दिया।

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सवाल तक नहीं किया

प्रिंस चौक स्थित पेट्रोल पंप पर भी किसी ने बिना पूछताछ के ही बॉटल में पेट्रोल दे दिया। यही हाल शहर के अधिकांश पेट्रोल पंप का है। लापरवाही और मनमानी का यह आलम पब्लिक सेफ्टी के लिए खतरा है।

यह भी है हाल

लाल पुल स्थित स्क्वॉयर डील सर्विस स्टेशन में ही एक कर्मचारी ने पहले से पेट्रोल से भरी बॉटल पकड़ाते हुए कहा कि यह 50 रुपये का पेट्रोल है। इस पर टीम ने कहा कि नहीं केवल 30 रुपये का ही पेट्रोल चाहिए।

कैमरे में कैद हुआ एक अन्य युवक

पेट्रोल पंप से बॉटल में पेट्रोल लेने से पहले एक युवक एक लीटर की बोतल लेकर पहुंचा था। उसने भी आसानी से खुले में पेट्रोल ले लिया। जो दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के कैमरे में कैद हो गया।

यहां किए गए स्टिंग

लाल पुल

सब्जी मंडी

पटेलनगर

कारगी चौक

कनक चौक

राजा रोड

प्रिंस चौक

सहारनपुर रोड

राजपुर रोड

राजपुर रोड

जीएमएस रोड

गाड़ी में ही फ्यूल भरने की परमिशन है। कई बार लोग बॉटल में पेट्रोल मांगने लगते हैं, मानवता और दूसरे की परेशानी को देखते हुए कभी-कभी पेट्रोल दे दिया जाता है। हालांकि, ये उचित नहीं है।

- आशीष मित्तल, अध्यक्ष, पेट्रोल पंप एसोसिएशन

यह है नियम

पेट्रोलियम रूल-2002 सेक्शन-8 के तहत किसी भी तरह के ज्वलनशील पदार्थ को खुले में (बॉटल या कंटेनर) नहीं बेचा जा सकता है। ये पूरी तरह से गैरकानूनी है।

पुलिस और प्रशासन लापरवाह

पेट्रोल पंप में लगे सीसीटीवी कैमरे की सहायता से पुलिस और प्रशासन जांच कर सकते हैैं। लेकिन इसके लिए सभी जिम्मेदारों ने आंखें मूंद रखी हैं। शायद जब हादसा हो जाएगा तभी पुलिस-प्रशासन लकीर पीटता नजर आएगा।

पेट्रोल खुले में नहीं बेचा जा सकता है। जबकि एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल यूज के लिए 3000 लीटर से ज्यादा डीजल कंटेनर में बेचा जा सकता है। लेकिन, पेट्रोल को किसी भी बॉटल या कंटेनर में बेचना इलीगल है। ऐसे पेट्रोल पंपों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जसवंत सिंह कंडारी, डीएसओ, देहरादून