देहरादून (ब्यूरो) दरअसल, हल्द्वानी का बनभूलपुरा वही इलाका है, जहां पिछले साल रेलवे की भूमि पर बसी 50 हजार की आबादी वाली बस्ती को खाली कराने का हाई कोर्ट ने आदेश दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। थर्सडे शाम सरकारी भूमि (नजूल) पर बना अवैध मदरसा व नमाजस्थल ध्वस्त करने गई पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीम पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया था। थाने को पेट्रोल बम से जला दिया गया। बवाल के बाद रात में ही पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया था और उपद्रवियों का चिह्नीकरण शुरू कर दिया गया था। पुलिस ने उपद्रव, आगजनी, तोडफ़ोड़, हत्या का प्रयास, सरकारी संपत्ति को नुकसान व सरकारी कार्य में व्यवधान आदि गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।

30 जनवरी तक नहीं थे छतों पर पत्थर
डीएम वंदना ने बताया कि मामले में 10-15 उपद्रवियों की अधिक सक्रिय भूमिका सामने आ रही है। जिन्होंने लोगों को भड़काने का काम किया है। 30 जनवरी को जब क्षेत्र के घर व छतों में ड्रोन से चेकिंग कराई गई थी तो पत्थर व ईंट आदि नहीं थे। इसके बाद नगर निगम की ओर से नोटिस दिए गए तो उपद्रवियों ने सोची समझी साजिश के तहत छतों पर पत्थर एकत्र कर लिए। यह कानून-व्यवस्था पर हमला था। उपद्रव में छह युवकों की मौत हुई है। 5 मृतकों की पहचान फईम कुरैशी, जाहिद, मो। अनस, शब्बाद व प्रकाश कुमार के रूप में हुई है। इधर, पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी करते हुए पुलिस यूपी सीमा से सटे बॉर्डर पर भी सघन चेकिंग कर रही है।

भावुक हो उठे सीएम
बवाल के कारण किसी पुलिसकर्मी के सिर पर चोट थी तो किसी का हाथ
सूजा हुआ था। कई चलने में असमर्थ थे, जिनके शरीर के कई हिस्सों में चोटें आई थीं। घायलों का दर्द बांटने जब सीएम धामी कोतवाली पहुंचे तो उन्होंने करीब से घायल पुलिसकर्मियों की स्थिति देखी तो तो भावुक हो उठे। रुंधे गले से उन्होंने घायलों के कंधे पर हाथ रखा। मनोबल बढ़ाया और कहा कि हिम्मत बनाए रखें। अराजक तत्वों से निपटने के लिए आप सभी ने बहादुरी का परिचय दिया है। इस तरह की घटना को हल्के में नहीं लिया जाएगा।

प्रदेशभर में हाई अलर्ट
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुए पथराव व आगजनी की घटना के बाद स्टेट में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। एडीजी एपी अंशुमान ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को लिखित निर्देश जारी करते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश जारी किए हैं। वहीं, सोशल मीडिया सेल को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। इधर, फ्राइडे को को जुमे की नमाज को लेकर कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई, लेकिन, राज्य के सभी धार्मिक स्थलों के आसपास फोर्स तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।

थर्सडे रात से ही अधिकारी अलर्ट
बनभूलपुरा की घटना के बाद थर्सडे रात से भी प्रदेश में पुलिस फोर्स अलर्ट मोड पर था। जिला प्रभारियों ने अपने जिलों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए खुद संवेदनशील स्थानों का भ्रमण किया। धार्मिक स्थलों पर निगरानी जारी रखी। थाना-चौकियों से लेकर कार्यालयों व पुलिस लाइनों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट मोड पर रखा गया। बाकायदा, पुलिस फोर्स को लाठी, डंडों व हेलमेट के साथ 24 घंटे तैयारी की अवस्था में रखा गया।

दून, हरिद्वार, यूएसनगर में बढ़ाई निगरानी
घटना के बाद मुस्लिम बाहुल्य जिलों देहरादून के अलावा हरिद्वार, उधमङ्क्षसहनगर, पौड़ी सहित अन्य जिलों में निगरानी बढ़ाई गई। मस्जिदों के आसपास भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया।

प्रशासन, लोकल इंटेलीजेंस की विफलता
सिविल सोसायटी के बैनर तले कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वक्ताओं ने कहा, बनभूलपुरा में शाम चार बजे बिना होमवर्क किए प्रशासन ने जल्दबाजी कार्रवाई की। वहीं, डीएम व एसएसपी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हुए घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच के साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की। फ्राईडे को राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में सिविल सोसायटी की बैठक हुई। इसमें प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन एमडी जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरीमा दसौनी, सीपीआई के नेता समर भंडारी, सीपीएम के नेता राजेंद्र ङ्क्षसह नेगी आदि मौजूद रहे। वहीं, यूकेडी ने भी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए हाईलेवल कमेटी गठित करने पर जोर दिया। कचहरी स्थित कार्यालय में दल की बैठक हुई।

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