देहरादून ब्यूरो। दून में कचरा कलेक्ट करने वाली दो कंपनियों को पहले से ही कचरे में से प्लास्टिक अलग करने के लिए 18-18 गाडिय़ां और इतने ही ई रिक्शा उपलब्ध करवाये गये हैं। निगम के अधिकारियों के अनुसार फिलहाल सनलाइट और ईकॉन नामक वेस्ट कलेक्ट करने वाली कंपनियों को गाडिय़ां और ई-रिक्शा देकर वेस्ट सेग्रीगेशन करने के लिए कहा गया है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से लगातार ये लोगों कंपनियां शर्तों का पालन नहीं कर रही हैं। ऐसे में इन कंपनियों के बिल में से 30 परसेंट तक अमाउंट जुर्माने के रूप में काटी जा रही है। फिलहाल कुछ चुनिंदा वार्डों में वेस्ट सेग्रीगेशन का काम शुरू किया गया है। जल्दी ही इसे सभी वार्डों में शुरू कर दिया जाएगा।

12 लाख का बिल, 8 लाख भुगतान
पिछले कुछ महीनों से नगर निगम ईकोन और सनलाइट कंपनियों पर लगातार जुर्माना लगा रहा है। इन कंपनियों को 12 लाख का बिल आने पर करीब 8 लाख रुपये पेमेंट किया जाता है। ऐसा प्लास्टिक कचरा अलग न करने के कारण किया जाता है। निगम के अधिकारियों के अनुसार कचरे में से प्लास्टिक और अन्य सॉलिड वेस्ट अलग करने के आदेश हैं। शीशमबाड़ा में सिर्फ गीला कचरा ही पहुंचाया जाना चाहिए। लेकिन, कंपनियों की लापरवाही से अब भी गीले कचरे से ज्यादा सूखा कचरा शीशमबाड़ा पहुंच रहा है।

1 जुलाई से इन पर बैन
- 50 माइक्रोन से कम वाले आयटम्स।
- प्लास्टिक स्टिक वाली ईयर बड्स।
- गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडियां।
- प्लास्टिक के झंडे।
- प्लास्टिक की कैंडी स्टिक।
- आइसक्रीम की प्लास्टिक डंडियां।
- थर्माकोल का सजावटी सामान।

100 माइक्रोन से कम वाले आयटम्स
- प्लेटें, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे।
- कटलरी, मिठाई के डिब्बों को पैक करने वाली फिल्म।
- इनविटेशन कार्ड और सिगरेट के पैकेट की प्लास्टिक पैकिंग।
- प्लास्टिक या पीवीसी बैनर।

5 लाख तक जुर्माना
- सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्शन करने पर 5 लाख रुपये।
- सिंगल यूज प्लास्टिक ट्रांसपोर्टेशन पर 2 लाख रुपये।
- सिंगल यूज प्लास्टिक बेचने पर 1 लाख रुपये।
- सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल करने पर 100 रुपये।
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1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से बैन कर दिया जाएगा। वार्डों में टीम एक्टिव कर दी गई हैं। उल्लंघन करने वालों से नियमानुसार जुर्माना वसूला जाएगा। जो प्लास्टिक अभी सिटी में कचरे के रूप में जगह-जगह पड़ा है, उसे धीरे-धीरे साफ करने का प्रयास किया जाएगा। हम चाहते हैं कि शहर में कहीं भी प्लास्टिक की पन्नियां, बोतलें और रैपर नजर न आएं।
डॉ। अविनाश खन्ना, सीनियर हेल्थ ऑफिसर, नगर निगम देहरादून