- शहरभर के हजारों खाली प्लॉट में पानी भरने से हो रही परेशानी

- निकासी न होने से आने वाली दिनों में मच्छर पनपने की आशंका

देहरादून

दून मिड सिटी और आउटर सिटी में हजारों की संख्या में खाली पड़े प्लॉट आने वाले दिनों में दूनाइट्स के हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। हाल की बारिश से ज्यादातर प्लॉट में पानी भर गया गया है। इस पानी की निकासी की कोई व्यवस्था न होने से आने वाले दिनों में डेंगू और मलेरिया के मच्छर पनपने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इससे निपटने के फिलहाल नगर निगम के पास भी कोई ठोस व्यवस्था नहीं है।

बाउंड्रीवॉल वाले प्लॉट खतरनाक

दून में प्लॉट लेकर छोड़ देना पिछले कुछ वर्षो से आम हो गया है। ज्यादातर लोग अपने प्लॉट की बाउंड्रीवाल बनाकर बेचने या भविष्य में घर बनाने के इरादे से छोड़ देते हैं। इस तरह के प्लॉट आसपास के लोगों के लिए सिरदर्द बन रहे हैं। दरअसल बाउंड्रीवाल बनाने के कारण बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पाती और पानी कई दिनों तक जमा रहता है। जो डेंगू और मलेरिया का कारण बनता है।

समस्या को नहीं ठोस समाधान

नगर निगम के अधिकारी मानते हैं कि यह बड़ी समस्या है और इससे मच्छरों के पनपने का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन उनके पास इस समस्या से निपटने का कोई ठोस समाधान नहीं है। निगम के पास सिर्फ यही समाधान है कि ऐसे पानी के कीटनाशकों का छिड़काव किया जाए।

लॉक प्लॉट भी समस्या

सिटी में कई ऐसे खाली प्लॉट भी हैं, जिनमें बाउंड्रीवाल बनाकर एक छोटा से गेट छोड़ दिया गया है, लेकिन गेट पर ताला लगाया गया है। ऐसे प्लॉट से जरूरत पड़ने पर न तो पानी की निकासी की व्यवस्था हो पाएगी और न ही इन प्लॉट्स में दवाइयों का छिड़काव कर पाना संभव हो पायेगा। ऐसे प्लॉट मालिकों के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई का प्रावधान में फिलहाल नहीं है।

मिड सिटी में भी ऐसे प्लॉट

बाउंड्रीवाल बनाकर खाली छोड़ दिये गये प्लॉट्स की आउटर सिटी में तो भरमार है ही, मिड सिटी में भी ऐसे प्लॉट कम नहीं हैं। खुड़बुड़ा, चुक्खूवाला, कॉन्वेंट रोड, रायपुर रोड, ईसी रोड जैसे इलाकों में ऐसे प्लॉट नजर आ जाते हैं। मिड सिटी में ऐसे ज्यादातर प्लॉट को आसपास के लोग डंपिंग यार्ड के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे प्लॉट से कचरा उठाने की भी कोई व्यवस्था नहीं है।

नहीं हुई जुर्माने की कार्रवाई

नगर निगम ने कुछ वर्ष पहले खाली प्लॉट में कचरा फेंकने के मामले में प्लॉट मालिकों से जुर्माना वसूलने की योजना बनाई गई थी। प्लॉट मालिकों को ताकीद की गई थी कि वे यह व्यवस्था करें के उनके खाली प्लॉट में कोई कचरा न फेंके, लेकिन ऐसे किसी भी प्लॉट मालिक के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इन इलाकों में ज्यादा खाली प्लॉट

- पटेलनगर

- नेहरू कॉलोनी

- अजबपुर

- डालनवाला

- नेहरूग्राम

- बंजारावाला

- मोहब्बेवाला

- नवादा

आउटर सिटी में ज्यादा समस्या

पानी भरे खाली प्लॉट की समस्या आउटर सिटी में सबसे ज्यादा बढ़ गई है। पिछले कुछ सालों में इस एरिया में बड़ी संख्या में प्लॉटिंग की गई है। बालावाला और नेहरूग्राम जैसे एरिया में तेजी से रिहायशी भवनों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन, इतनी ही बड़ी संख्या में इन इलाकों में बाउंड्रीवाल बने खाली प्लॉट भी हैं।

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रिहायशी इलाकों में खाली पड़े प्लॉट बारिश के बाद बड़ी समस्या बन जाते हैं। इनमें जमा पानी मच्छरों के लिए चिन्ताजनक रूप से उपजाऊ होता है। फिलहाल इस समस्या से निपटने के लिए हमने सभी वार्डो में भरपूर मात्रा में कीटनाशक दवाइयां उपलब्ध करवा दी हैं। बारिश बंद होते ही इस पानी में मच्छर पनपने की संभावना है। तब ऐसी सभी जगहों को चिन्हित कर दवाओं का छिड़काव किया जाएगा।

डॉ। आरके सिंह, सीनियर हेल्थ ऑफिसर

नगर निगम, देहरादून