- ट्यूजडे को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया इन प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल लोकार्पण

- रोजाना 15 करोड़ लीटर से अधिक दूषित पानी गंगा में गिरने से रुकेगा

- पीएम ने जल जीवन मिशन में 1 रुपए में कनेक्शन के लिए सीएम की प्रशंसा की

देहरादून,

केंद्र सरकार ने राज्य को नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत 521 करोड़ रुपए के कई प्रोजेक्ट्स की सौगात दी है। ट्यूजडे को पीएम नरेंद्र मोदी ने इन सभी प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल लोकार्पण किया। माना जा रहा है कि इन प्रोजेक्ट्स के शुरू होने से उत्तराखंड से रोजाना 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में बहने से रुक पाएगा।

इन योजनाओं का लोकार्पण

-जगजीतपुर हरिद्वार में 230 करोड़ रुपए की लागत से बना 68 एमएलडी क्षमता का एसटीपी

-20 करोड़ की लागत से बना 27 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी

-सराय हरिद्वार में 13 करोड़ की लागत से बना 18 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी

-चंडी घाट हरिद्वार में गंगा के संरक्षण व बायोडाइबर्सिटी को प्रदर्शित करता 'गंगा संग्रहालय'

-लक्कड़घाट ऋषिकेश में 158 करोड़ की लागत से बना 26 एमएलडी क्षमता का एसटीपी

-चंदे्रश्वर नगर-मुनि की रेती में 41 करोड़ की लागत से बना 7.5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी

-चोरपानी मुनि की रेती में 39 करोड़ की लागत से बना 5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी

-बद्रीनाथ में 19 करोड़ की लागत से बना 1.1 एमएलडी क्षमता का एसटीपी

-पीएम ने रोविंग डाउन द गंगेज व ग्राम पंचायतों के अलावा पानी समितियों के लिए बनाई गई मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। जबकि पीएम ने जल जीवन मिशन के लोगो का भी अनावरण किया।

100 शहर व 5 हजार गांव ओडीएफ:पीएम

लोकार्पण के दौरान पीएम ने राज्यवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मां गंगा हमारे सांस्कृतिक वैभव व आस्था से तो जुड़ी ही है। नमामि गंगे मिशन, नई सोच और नई एप्रोच के साथ शुरू किया गया, जो देश का सबसे बड़ा नदी संरक्षण कैंपेन है। गंगा में प्रदूषित पानी गिरने से रोकने के लिए एसटीपी का निर्माण किया गया। अगले 15 वषरें की आवश्यकता के अनुसार एसटीपी कीे क्षमता रखी गई है। गंगा के किनारे करीब 100 शहरों व 5 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है। इस अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया आदि उपस्थित रहे। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके लिए पीएम व केंद्र का आभार जताया। कहा, एसटीपी से निकलने वाले शोधित पानी को भी कृषकों को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। गंगा डाल्फिन व महाशिर मछलियां भी दुबारा दिखने लगी हैं।

प्रोजेक्ट्स के अहम बिंदु

-उत्तराखण्ड में 6 साल में सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता चार गुना हुई

-पीएम बोले, उत्तराखंड में नमामि गंगे के तहत सभी प्रोजेक्ट पूरे।

-लगभग सभी नालों को टैप कर दिया गया

-चंदे्रश्वर नाला में देश का पहला 4 मंजिला एसटीपी शुरू

-कुम्भ मेले में श्रद्धालु गंगा की निर्मलता का अनुभव लेंगे

-गंगा म्यूजियम से हरिद्वार आने वाले लोग गंगा से जुड़ी विरासत को समझ पाएंगे।

-गंगा के नजदीक पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था व पर्यावरण पर है फोकस

-जहां ऑर्गेनिक खेती व मेडिसिनल प्लांट्स की खेती की योजना

-ऑर्गेनिक फार्मिंग कॉरिडोर किया जा रहा डेवलेप।

- मिशन डॉल्फिन से डॉल्फिन संवर्धन में मिलेगी हेल्प।

-केंद्र ने जल से जुड़े मंत्रालयों को एक कर जलशक्ति मंत्रालय का किया गठन

-एक रुपए में हर घर तक पानी के कनेक्शन पर राज्य सरकार की प्रशंसा।

-सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी सेंटर्स में नल से जल के लिए 2 अक्टूबर से अभियान

-गंगा किनारे जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन।

कुंभ से पहले गंगा का जल आचमन योग्य

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि वर्ष 2014 से नमामि गंगे एक मिशन मोड के तौर पर काम कर रहा है। गंगा प्रवाह क्षेत्र में 315 प्रोजेक्ट्स अभी तक इसमें ली गई हैं। कुल 28854 करोड़ की स्वीकृति के साथ 9 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले के समय गंगा जल आचमन योग्य होगा।