ये फ्लाईओवर
-बल्लूपुर
-बल्लीवाला
-आईएसबीटी
-बालावाला

ये आरओबी
-मोहकमपुर
-अजबपुर
-भंडारीबाग-रेसकोर्स (वर्क इन प्रोग्रेस)

कहीं पर ट्रांसपोर्टर्स कहीं लोगों का कब्जा
दून में वर्तमान समय में चार फ्लाईओवर व दो आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) मौजूद हैं। इनसे न केवल वाहन फर्राटे भर रहे हैं। बल्कि, शहरवासियों को सिटी में ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजात मिल रहा है। लेकिन, ये फ्लाईओवर्स व आरओबी इसके बावजूद काफी हद तक राजधानीवासियों के अलावा विभागों के लिए कारगर साबित हो सकता है। कुछ फ्लाईओवर्स से फायदा भी मिल रहा है। दरअसल, बल्लूपुर व बल्लीवाला ऐसे फ्लाईओवर्स शामिल हैं। जहां मैनेजमेंट तरीके से पार्किंग का पूरा यूज किया जा रहा है। लेकिन, बाकी आरओबी व फ्लाईओवर्स में कब्जा जमा हुआ है। कहीं पर वाहन खड़े हैं तो कहीं पर बस्तियां का कब्जा जमा हुआ है। प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

आईएसबीटी फ्लाईओवर व अजबपुर आरओबी पर कब्जा
राजधानी का एंट्री प्वाइंट कहे जाने वाले आईएसबीटी फ्लाईओवर के नीचे माने बस्ती का कब्जा हो गया हो। इस फ्लाईओवर के नीचे बस्तियां के कब्जे किए जाने की कहानी तो पुरानी है। कई बार नगर निगम व पुलिस की ओर से अवैध कब्जे का हटाया जा चुका है। लेकिन, फिर से यहां कब्जा जम जाता है। हाल, ऐसा ही अजबपुर आरओबी का भी है। यहां जेबीसी, ट्रांसपोर्टर्स, डेयरी संचालकों तक का कब्जा है।

जब शासन ने दिए थे निर्देश
वर्ष 2018 में जब हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजधानी में अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई थी। तब तत्कालीन एसीएस ओम प्रकाश ने निर्देश दिए थे कि फ्लाई ओवर्स व आरओबी पर कब्जा हटाया जाए। इसके लिए नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, एमडीडीए को कहा गया था कि जिन विभागों को जरूरत हो, अपना ऑफिस खोल सकते हैं। नगर निगम को शुल्क पार्किंग शुरू करने के निर्देश दिए थे। बाकायदा, चिन्हीकरण भी किया गया था। लेकिन, उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया।

हां, कुछ फ्लाईओवर्स के नीचे लोगों का कब्जा है। पुलिस की मदद से इनको विस्थापित किया जाएगा। जिससे फ्लाईओवर्स के नीचे खाली स्थान पर पार्किंग जैसी गतिविधियां शुरू की जा सकें और लोगों को मदद मिल सके।
सुनील उनियाल गामा, मेयर, नगर निगम दून