बोर्ड मीटिंग में सचिव ऊर्जा आर.मीनाक्षी सुंदरम का स्वागत करते पिटकुल एमडी पीसी ध्यानी।

- पिटकुल की 83वीं बोर्ड बैठक में सब-स्टेशनों की स्थापना और उच्चीकरण समेत कई प्रस्ताव पारित

देहरादून (ब्यूरो): पिटकुल की निदेशक मंडल की 83वीं बैठक में ट्रांसमिशन सिस्टम को चाक-चौबंद बनाने के प्रस्ताव पारित किये गए। मंडे को पिटकुल मुख्यालय में आयोजित बोर्ड बैठक में प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने निकट भविष्य में पिटकुल के ट्रांसमिशन सिस्टम को सुदृढ़ और मजबूत करने की रूपरेखा रखी।

माजरा सब-स्टेशन के उच्च्चीकरण पर लगी मुहर
एमडी पीसी ध्यानी ने कहा कि दून के ट्रांसमिशन सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए 132 केवी सब स्टेशन माजरा का च्च्चीकरण जरूरी है, जिसके लिए 220/132 केवी सब स्टेशन माजरा के निर्माण के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई। इस परियोजना के क्रियान्वयन से देहरादून क्षेत्र में अप्रत्याशित रूप से बढ़ती विद्युत मांग की पूर्ति सुनिश्चित होगी और निर्बाध विद्युत आपूर्ति में मदद मिलेगी।

घनसाली में सब स्टेशन मंजूर
इस दौरान राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को ध्यान में रखते हुए टिहरी जिले में 220 केवी सब-स्टेशन घनसाली की स्थापना के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया। सब-स्टेशन के निर्माण से भिलंगना नदी घाटी में निकट भविष्य में बनने वाली यूजेवीएन लि। की जल विद्युत परियोजना से इस सब स्टेशन से विद्युत निकासी हो सकेगी।

पीपलकोटी में भी सब स्टेशन अनुमोदित
प्रबंध निदेशक ने कहा कि सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी के नेतृत्व में राज्य को ऊर्जा प्रदेश बनाने का संकल्प लिया गया है। इसी के दृष्टिगत 400 केवी सब स्टेशन, पीपलकोटी का भी अनुमोदन प्राप्त किया गया। इस सब स्टेशन से एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना एवं टीएचडीसी की 444 मेगावाट पीपलकोटी-विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना से विद्युत की निकासी सुनिश्चित होगी, जिससे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों मेंच्उच्च क्षमता एवं गुणवत्ता का पारेषण तंत्र विकसित होगा।

लंढौरा में सब स्टेशन निर्माण को मिली स्वीकृति
इसके साथ ही 400 केवी सब स्टेशन लंढौरा के प्रस्ताव पर भी निदेशक मंडल ने स्वीकृति दी। वर्तमान में रुड़की के पारेषण तंत्र का विस्तार करना महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि रुड़की के समीपवर्ती क्षेत्र लंढौरा, लक्सर, भगवानपुर एवं मंगलौर में औद्योगिकीकरण पर विशेष महत्व देने से विद्युत की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है और विद्युत आपूर्ति को निर्बाध रखने के लिए क्षेत्र में 400 केवी सब स्टेशन की आवश्यकता है।

इमरजेंसी रेस्टोरेशन सिस्टम का प्रस्ताव पास
विद्युत पारेषण तंत्र में किसी प्रकार के व्यवधान को शीघ्र दुरुस्त करने के लिए इमरजेंसी रेस्टोरेशन सिस्टम के प्रस्ताव को भी पास किया गया। पारेषण लाइन के टावर प्राकृतिक आपदा में गिरने की स्थिति में संबंधित क्षेत्र में विद्युत व्यवधान की समस्या रहती थी और पिटकुल द्वारा पावरग्रिड एवं अन्य पारेषण कंपनियों से इमरजेंसी रेस्टोरेशन सिस्टम की व्यवस्था कर विद्युत आपूर्ति सुचारू की जाती थी। अपने सिस्टम की उपलब्धता से यह दिक्कत डोर होगी।


इस दौरान पिटकुल की अध्यक्ष एवं अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव ऊर्जा आर। मीनाक्षी सुंदरम, स्वतंत्र निदेशक एन। रविशंकर, आरपी ससमल, निदेशक (वित्त) सुधाकर बडोनी, निदेशक परियोजना नीरज कुमार और ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार मौजूद रहे।