प्रमुख वन संरक्षक, वन्य जीव का ऑफिस बदलने का अफसरों ने लिया फैसला, वन मंत्री बने अनजान

-प्रमुख वन संरक्षक, वन्य जीव का ऑफिस नैनीताल की जगह दून में रखने का हुआ है आदेश

-वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा-अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी से जानकारी लेंगे।

DEHRADUN: विधानसभा में धर्मपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल क्षेत्र की छोटी से बड़ी हर समस्याएं से वाकिफ हैं। वहां चल रहे हर काम पर उनकी नजर है। ये ही खूबी उन्हें धर्मपुर क्षेत्र का लोकप्रिय विधायक बनाती है, लेकिन तस्वीर का एक दूसरा पहलु और है। अपने वन विभाग में क्या चल रहा है, मंत्री की जानकारी में नहीं है। हाल ये है कि अफसरों ने प्रमुख वन संरक्षक, वन्य जीव ऑफिस पर फैसला कर दिया और मंत्री को जानकारी ही नहीं है।

नैनीताल में होना चाहिए ऑफिस

प्रमुख वन संरक्षण वन्य जीव यानी पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ का ऑफिस वैसे सरोवर नगरी नैनीताल में स्वीकृत है। अभी तक ये वहीं से चलता आया है, मगर शासन ने इस ऑफिस को देहरादून में रखने का अब निर्णय लिया है। इसके लिए पूर्व के सभी आदेशों को अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने अतिक्रमित करने की बात कही है। इसके पीछे जो वजह बताई गई है, वह एनजीटी से जुड़ी है। आदेश में कहा गया है कि एनजीटी में इस वक्त क्70 मामले चल रहे हैं। इसमें से काफी वन्य जीव से जुडे़ हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी कई मामले चल रहे हैं, लिहाजा इनसे संबंधित कार्रवाई और शासन व अन्य एजेंसियों से तालमेल के लिए दून में ऑफिस रखना जरूरी है।

अफसरों की पहली पसंद रहा है दून

-अफसरों की आज से नहीं, बल्कि शुरू से ही देहरादून पसंद रहा है। ये ही कारण है कि दूसरे इलाकों, खास तौर पर पहाड़ में अफसर नहीं जाना चाहते। हालिया उदाहरण मंडलायुक्त सीएस नपल्चयाल का है, जिनका गढ़वाल से कुमाऊं तबादला किया गया, लेकिन वह नहीं गए। अब वह शासन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसी तरह, तीन साल से एक स्थान पर जमे कई अफसरों को चुनाव आयोग के निर्देश पर ट्रांसफर तो किया गया है, लेकिन दून में ही उन्हें एक अनुभाग से दूसरे में शिफ्ट कर दिया गया है।

अफसरों की करतूत से मंत्री अनजान

-वन एवं वन्य जीव मंत्री दिनेश अग्रवाल को ऑफिस देहरादून में रखे जाने संबंधी आदेश की जानकारी नहीं है। संपर्क करने पर दिनेश अग्रवाल ने कहा है कि वह इस संबंध में जानकारी करवाएंगे। दरअसल, विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण अन्य मंत्रियों की तरह ही दिनेश अग्रवाल ने भी पूरा फोकस अपने क्षेत्र में किया है। इस स्थिति का लाभ अफसर उठा रहे हैं।