- कोविड काल में कलेक्ट्रेट में हो रही 50 परसेंट से भी कम रजिस्ट्री

- रजिस्ट्री ऑफिस में मिल रहा 5 से 7 दिन बाद का अप्वॉइंटमेंट

देहरादून,

कोविड सेकेंड वेव के दौरान करीब एक हफ्ते तक बंद रहने के बाद दून में जमीनों की रजिस्ट्री का काम शुरू तो हो गया है, लेकिन फिलहाल हर दिन होने वाली रजिस्ट्री की संख्या 50 परसेंट से कम रखी गई है। आम दिनों में दून स्थिति रजिस्ट्री ऑफिस में चार जोन की 250 तक रजिस्ट्री होती थी, लेकिन फिलहाल यह संख्या 120 कर दी गई है।

अप्वॉइंटमेंट लेना जरूरी

भीड़ कम रखने के इरादे से फिलहाल रजिस्ट्री करवाने वालों को अप्वॉइंटमेंट लेना पड़ा रहा है। चार जोन के चार रजिस्ट्री काउंटर पर 120 लोगों को ही अप्वॉइंटमेंट दिया जा रहा है। हर काउंटर पर एक दिन 30 लोगों को ही आने की इजाजत दी जा रही है, इस तरह से रोज 120 रजिस्ट्रियां करवाई जा रही हैं।

4 से 6 दिन बाद दे रहे टाइम

रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को 4 से 6 दिन का बाद का टाइम दिया जा रहा है। हालांकि इस दौरान व्यवस्थाएं ऐसी रखी गई हैं कि एक साथ भीड़ न हो। इसके लिए लोगों को अलग-अलग टाइम दिया जा रहा है। कुछ लोग सुबह बुलाये जा रहे हैं तो कुछ दोपहर बाद।

व्यवस्था से लोग संतुष्ट

नई व्यवस्था में रजिस्ट्री ऑफिस में आम दिनों की तरह ऑफिस के बाहर और काउंटर्स में भीड़ नहीं है। एक बार में तीन से चार लोग ही काउंटर पर नजर आ रहे हैं। रजिस्ट्री करवाने आई सावित्री देवी कहती हैं कि आते हुए वे घबरा रही थीं कि कोविड के दौर में ज्यादा भीड़ में कैसे सुरक्षित रहेंगे, लेकिन यहां बहुत कम लोग हैं। काम भी आसानी से हो रहा है।

बार-बार बंद होने से परेशानी

कोविड के कारण बार-बार रजिस्ट्री का काम बंद होने से लोगों को परेशानी भी हो रही है। पिछले वर्ष लॉकडाउन में करीब डेढ़ महीने तक रजिस्ट्री ऑफिस बंद रहा था। इस बार एक हफ्ते तक पूरी तरह बंद रहने के बाद अब केवल 50 परसेंट ही काम हो रहा है। इससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।

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लोगों को कोविड से सुरक्षित रखना पहली जरूरत है, इसलिए हर रोज एक जोन की 30 रजिस्ट्री की जा रही हैं। जब तक संक्रमण का खतरा है, तब तक यह व्यवस्था जारी रहेगी।

जीसी गुणवंत, एडीएम फाइनेंस

- 250 से ज्यादा रजिस्ट्री होती हैं आम दिनों में।

- आम दिनों में हर जोन में होती हैं 50 से 60 रजिस्ट्री।

- इन दिनों हर जोन में दिये जा रहे हैं 30 लोगों को अप्वॉइमेंट।

- कुल 120 रजिस्ट्री की जा रही हैं आजकल।