देहरादून (ब्यूरो) : राजधानी के रेसकोर्स स्थित ट्रांजिट हॉस्टल यानि विधायक आवास पर माननीयों को उनकी जनता और सरकार की ओर से कई चिट्ठी पत्र भेजे गए हैं। विकास की बात कही गई होगी। लेकिन, ये पत्र उनके आवास के दरवाजे पर लटके हुए हैं। लंबे वक्त से विधायकों का इंतजार कर रही हैं। हालांकि, ये भी सच हो सकता है कि माननीय क्षेत्र के विकास में क्षेत्र भ्रमण पर होंगे। लेकिन, जरा सोचिए, समय पर ये चिट्ठी-पत्र माननीयों तक पहुंच जाते तो काफी समस्याओं का समय पर हल निकल सकता था।

रेसकोर्स में स्थित है विधायक आवास

रेसकोर्स में उत्तराखंड विधायक है। जहां प्रदेशभर के 70 विधायक के निवास करते हैं। लेकिन, आजकल आपको इन विधायक आवासों के बाहर दरवाजे पर दर्जनों की संख्या में चिट्ठी-पत्र, सरकारी दस्तावेज लटके हुए नजर आ जाएंगे। जी हां, माननीय अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरों पर हैं। जिस कारण उनके नाम से विधायक आवास पर पहुंचे पत्र उनके निवास स्थान के बाहर टंके हुए दिख रहे हैं। इनमें कई ऐसे पत्र हैं, जिनके फंट पेज पर उत्तराखंड सरकार का लोगो भी है। जबकि, बाकी कुछ ऐसे पत्र हैं, जो उनके क्षेत्र की जनता की ओर से भेजे गए हैं। ये पत्र लंबे समय से टंके हुए महसूस हो रहे हैं। कईयों पर धूल जमी हुई है तो कई आड़े-तिरछे टंके हुए दिख रहे हैं।

जिनके विस क्षेत्र दूर, उनके आवास पर ये स्थिति

जिनके आवास के बाहर ये सरकारी दस्तावेज, विधानसभा क्षेत्र से आए चिट्ठियां या फिर पत्र नजर आ रहे हैं। उनमेें अधिकतर विधायक वे हैं। जिनके विधानसभा क्षेत्र देहरादून से काफी दूर हैं। इस पर उनका तर्क है कि वे क्षेत्र दौरे पर रहते हैं। विधायक आवास पर उनका कोई भी स्टॉफ नहीं रहता है। इस कारण चिट्ठी-पत्र उनके आवास के बाहर रख दिए गए होंगे। इधर, स्थानीय विधायकों या फिर दून के आसपास के विधानसभा क्षेत्रों के आवास के बाहर ऐसा नजारा नजर नहीं आता है। कारण, उनका अपने आवास पर जाना-जाना लगा रहता है। उनकी उपस्थिति में उनका स्टाफ उनके क्षेत्रों या फिर सरकारी दस्तावेजों को विधायक तक पहुंचा देते हैं।


ज्वालापुर के विधायक

ये आप खुद देखिए। विधायक के आवास के बाहर मुख्य दरवाजे पर कई चिट्ठी-पत्र रखे गए हैं। उनके क्षेत्र की जनता को विधायक से बड़ी उम्मीदें होंगी। इसीलिए पत्राचार किया गया होगा। लेकिन, ऐसा लगता है कि लंबे समय से विधायक अपने आवास पर नहीं पहुंचे ही नहीं है।


खटीमा के विधायक

इनके निवास के बाहर भी कई पत्र, न्यूज पेपर और उत्तराखंड शासन लोगो युक्त दस्तावेज नजर आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे भी लंबे समय से अपने आवास में नहीं पहुंचे हैं।


यमकेश्वर के विधायक

विधायक के आवास के बाहर भी कुछ ऐसा ही नजारा है। इनके आवास के बाहर भी राजभवन तक का दस्तावेज दिख रहा है। इसके अलावा कई अन्य पत्र भी आपको फोटो में दिखाई दे रहे होंगे।

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