- बेटी की हत्या करने वाली सौतेली मां को कोर्ट ने आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सुनाई सजा

DEHRADUN: अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश गुरबख्श सिंह की कोर्ट ने बेटी की हत्या करने वाली सौतेली मां को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। संपत्ति की खातिर महिला ने बेटी की ईट से हत्या कर खुखरी से शव के दो टुकड़े कर दिए और टुकड़ों को स्टोर में डाल दिया था।

शव के कर दिए थे दो टुकड़े

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी जयकृष्ण जोशी ने बताया कि कोतवाली के खुड़बुड़ा मोहल्ले के अंसारी मार्ग की रहने वाली प्राप्ति सिंह शहर के एक इंस्टीट्यूट से एयर होस्टेस का कोर्स कर रही थी। सात फरवरी 2018 को सुबह प्राप्ति का मोबाइल स्विच ऑफ था। उसके रिश्तेदारों और दोस्तों ने जब उसकी सौतेली मां मीनू कौर से मोबाइल बंद होने का कारण पूछा तो उसने बताया कि प्राप्ति सुबह ही एक इंटरव्यू के लिए दिल्ली चली गई है। वह भी उससे बात करने के लिए परेशान है। दिनभर मोबाइल ऑन न होने पर रिश्तेदारों का प्राप्ति से संपर्क नहीं हुआ तो उन्होंने मीनू कौर पर दबाव डालना शुरू किया। लेकिन, वह गुमराह करती रही। रिश्तेदारों ने अधिक दबाव डाला तो मीनू कौर आठ फरवरी 2020 की सुबह आईएसबीटी पुलिस चौकी पहुंची और प्राप्ति की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई। पुलिस को बताया कि प्राप्ति को खुद उसने दिल्ली जाने वाली बस में बैठाया है। इसके बाद उससे दो बार बात भी हुई। पटेलनगर कोतवाली के उस समय के प्रभारी रहे रितेश शाह व एसएसआई विपिन बहुगुणा ने जब मीनू और प्राप्ति के मोबाइल की लोकेशन निकलवाई तो झूठ से परदा उठ गया। दोनों के मोबाइल की लोकेशन सात फरवरी की शाम से आठ फरवरी तक अंसारी मार्ग पर ही थी। पुलिस ने जब मीनू से इस बारे मे सवाल किए तो यहां भी उसने गुमराह करने की कोशिश की। नौ फरवरी को मीनू से सख्ती से पूछताछ की गई तो वह पुलिस के सवालों के आगे ज्यादा देर टिक नहीं पाई। उसने बताया कि प्राप्ति का उसने कत्ल कर दिया है और शव घर में ही है। आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची तो प्राप्ति के कमरे से तेज दुर्गध उठ रही थी। मीनू से चाबी लेकर कमरा खोला गया तो बाथरूम से सटे स्टोर रूम में प्राप्ति का शव दो टुकड़ों में पड़ा हुआ था। पुलिस ने मौके से हत्या में इस्तेमाल ईट और खुखरी भी बरामद की। जांच में यह सामने आया कि प्राप्ति के पिता का कुछ समय पहले निधन हो गया था। वह अपनी संपत्ति की इकलौती वारिस थी। मीनू मकान को बेचने का दबाव बना रही थी, जिस पर प्राप्ति राजी नहीं हो रही थी।

महिला के चेहरे पर नहीं दिखी कोई सिकन

मीनू कौर को पुलिस ने शुक्रवार को शाम करीब चार बजकर 40 मिनट पर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट की ओर से तुरंत फैसला सुनाया गया। कोर्ट का फैसला सुनने के बाद मीनू कौर के चेहरे पर कोई सिकन नहीं दिखी। उसने हाथ जोड़े और कुछ देर बाद पुलिस दोषी महिला को बाहर लेकर आ गई। इस मामले में महिला की तरफ से केवल एक गवाह पेश हुआ, जबकि पीडि़त पक्ष की ओर से 21 गवाह पेश हुए।