देहरादून,(ब्यूरो ): बीती 10 मई से वल्र्डफेम चारधाम यात्रा का आागाज हो चुका है। अब तक करीब 27 लाख लोगों ने यात्रा पर आने के लिए रजिस्ट्रेशन किया हुआ है। जबकि, 6 दिनों में हजारों की संख्या में देश-दुनिया के यात्री अपनी यात्रा पूरी कर चुके हैं और कई यात्रा पर निकले हैं। लेकिन, अबकी बार चारधाम यात्रा सोशल मीडिया पर भी खूब छाई हुई। कोई यात्रा की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहे हैं, कोई बेहतर यात्रा के मैनेजमेंट का दावा कर रहे हैं। वहीं, बदरीनाथ व गंगोत्री धाम पुजारियों ने सरकार के खिलाफ यात्रा व्यवस्था को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। सवाल किए कि जरूरत से ज्यादा यात्रियों की आमद होने पर व्यवस्था चरमराएगी। बहारहाल, जिस स्पीड से चारधाम यात्रा उफान पर है, वैसे ही सोशल मीडिया में भी यात्रा चर्चाओं में बनी हुई है।

मंत्री के बयान पर फीडबैक
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का बयान भी सोशल मीडिया में छाया हुआ है। उन्होंने स्वीकार किया है कि भीड़ बढ़ी है। लेकिन, उन्होंने ये भी कहा कि स्थानीय डोली वाले व ग्रामीण भीड़ कर देते हैं। इसलिए हमने डीएम से कहा है कि वे भीड़ को नियंत्रित करें। इस बयान के बाद सोशल मीडिया यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

सोशल मीडिया रिएक्शंस
अपनी हर गलती के लिए कब तक पहाड़ के निवासियों को दोष देंगे।
-हिमायलन हिंदू।

आज मेरे घर वालों ने गुझे गैरेज में सोने के लिए कह दिया, कह रहे हैं कि घर में भीड़ ज्यादा हो गई है।
-डा.एमएस रावत।

जब खुद के बस की कुछ नहीं तो जनता पर सारा दोष डाल दो।
-प्रकाश बोहरा।

मंत्री जी ने सिद्ध कर दिया कि उत्तराखंड केवल नकली राजधानी और 71 रत्नों तक ही सीमित है। उत्तराखंड के स्थानीय व मूल नागरिक दूसरे नंबर के लोग हैं।
-विवेक पांडे।

पर्यटन मंत्री का मतलब है कि स्थानीय लोग इनको पैसा कमाने दें। यह उत्तराखंड का भलार बाहरी लोगों को सुविधा पहुंचाना चाहते हैं। स्थानीय इनकी मनमानी चलने दें। अपना रोजगार बंद कर दें।
-राम

मंत्री की ओर से ये गलत कमेंट है। लॉ-एन-ऑर्डर के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को डोली्र वालों पर उड़ेल देना सरासर गत है।
-टी रितूराज शशिकला।

डल इंजन और लाओ डबल इंजन, लोकल लोग भीड़ बढ़ा रहे हैं। शर्मनाक।
-एसएस रावत

आदरणीय महाराज जी, तो क्या लोकल अब डोली ले कर पूजा और साधना करने भी न जाएं।
विजय नेगी।

अव्यवस्थाओं का रिकॉर्ड
सोशल मीडिया पर एक एक्स हैंडलर ने ये लिखा है कि रिकॉर्ड यात्रियों के आने का दावा करने वाले इस बार अव्यवस्थाओं का रिकॉर्ड बनवा कर रहेंगे। बानगी देख लीजिए, नौबत ये आई है कि श्रद्धालु उत्तराखंड हाय-हाय के नारे लगा रहे हैं।

रजिस्ट्रेशन पर एक नजर
वेब रजिस्ट्रेशन--1942777
मोबाइल रजिस्ट्रेशन--358011
वाट्सएप रजिस्ट्रेशन--235693
ऋषिकेश ऑफलाइन --72059
हरिद्वार ऑफलाइन---64979
कुल--2673519

अधिकतर लोगों का तर्क, यात्रा को लेकर तैयारियों का अभाव
सोशल मीडिया पर चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोल किया गया। जिस पर लोगों ने बेबाकी से अपनी राय रखी। 62 परसेंट सोशल मीडिया यूजर्स का कहना था कि तैयारियां पर्याप्त नहीं हैं। जबकि, 90 परसेंट लोगों के जवाब थे कि यात्रा को लेकर पूरी तरह तैयारियों का अभाव है। ऐसे ही 67 परसेंट लोगों ने यात्रा शुरू होने से पहले होमवर्क की कमी बताया। इसके अलावा 86 परसेंट लोगों ने कहा कि केदारनाथ धाम अब देश-दुनिया के यात्रियों के पसंदीदा बनते जा रहा है।

इन सवालों पर मिली राय
चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो चुकी है। शुरुआत के दो दिनों में वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में ओवरऑल यात्रा में 14 परसेंट की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। क्या कहेंगे आप?
उत्तराखंड के अच्छा--31 परसेंट
ऐसे ही टूरिज्म बढ़े--8 परसेंट
तैयारिंया पर्याप्त नहीं--62 परसेंट
कुछ नहीं--0

अकेले केदारनाथ में शुरुआत के 2 दिनों में 62 परसेंट इजाफा यात्रियों में देखने को मिला है। इसका मतलब माना जाए कि केदारनाथ धाम यात्रियों की पहली पसंद बनता जा रहा है।
जी हां--86 परसेंट
नहीं--0 परसेंट
रील बनाने के लिए--14 परसेंट
कुछ नहीं--0

अबकी बार यमुनोत्री में भी 40 परसेंट यात्रियों का इजाफा शुरू के 2 दिनों में देखने को मिला। जहां ज्यादा यात्रियों के आने पर पुलिस को यात्रियों को अपनी यात्रा दूसरे धाम में डायवर्ट करने की अपील की गई। क्या कहेंगे आप?
ये तैयारियां का अभाव--90 परसेंट
अच्छा है----0 परसेंट
आगे यही हाल दिखेंगे--0
कुछ नहीं---0

चारधाम यात्रा में हर साल यात्रियों की आवाजाही में इजाफा देखने को मिल रहा है। सरकार प्रचार-प्रसार भी कर रही है। लेकिन, इस बार सोशल मीडिया पर अव्यवस्थाओं को लेकर लोग अपनी बातें रख रहे हैं। क्या कहेंगे?
अव्यवस्थाएं जरूर हैं---33 परसेंट
ये गलत है---0 परसेंट
होमवर्क की कमी--67 परसेंट
कुछ नहीं---0

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