कुर्बानी के नाम पर लाखों कुर्बान

इस्लाम में कुर्बानी को बहुत अहम दर्जा प्राप्त है। इसी के मद्देनजर हर साल बकरीद मनाई जाती है। इस साल 27 अक्टूबर को होने वाली बकरीद से पहले ट्यूजडे को सिटी के आईएसबीटी पर आखिरी बकरा मंडी लगी। मंडी में न केवल यूपी, बल्कि दिल्ली तक के कारोबारी अपनी अलग-अलग खासियतों वाले बकरे बेचने के लिए पहुंचे। मसूरी से आए नफीस कुरैशी के मेंढा की कीमत मसूरी में डेढ़ लाख रुपए लग चुकी थी। इससे ज्यादा कीमत पर बेचने के लिए वह अपने मेंढा को देहरादून लेकर आए। उन्होंने बताया कि इसे उन्होंने बहुत मेहनत से दो साल तक बड़ा किया है। इसके अलावा 80 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक के बकरे लेने वालों की भी होड़ दिखाई दी।

धर्मेंद्र भी छाए

फिल्म शोले की माफिक दून की बकरा मंडी में भी अमिताभ और धर्मेंद्र की जोड़ी नजर आई। महबूब और विशाल के पास यह दो ऊंचे बकरे मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जैसे ही अमिताभ को उसके नाम से बुलाया जाता है तो वह तुरंत मुड़कर देखता है, जबकि धर्मेंद्र भी पुकारे जाने पर तुरंत रिस्पांस देता है। इस जोड़ी को देखने और खरीदने वालों की होड़ नजर आई। कई कस्टमर्स ने इनकी बोली एक लाख रुपए तक लगाई। बकरों के मालिक ने बताया कि यह बकरे खास मेहनत से तैयार किए गए हैं।

तोतापरी भी पहुंचा

राजस्थान के अलवर में पाई जाने वाली बकरे की खास स्पीशीज तोतापरी भी बकरा मंडी में पहुंचा। तोतापरी के मालिक उस्मान ने बताया कि उन्होंने बचपन में यह बकरा राजस्थान से मंगाया था। राजस्थान के बकरे, खास ओहदा रखते हैं। तोतापरी की अलग बनावट को देखने वालों का दिनभर हुजूम रहा। इसकी कीमत 85 हजार रुपए तय की गई थी। दोपहर के बाद यह बिक भी गया। इसके अलावा सहारनपुर के बेहट से आए इरफान अहमद का 65 हजार रुपए कीमत का बकरा भी खासा चर्चाओं में रहा। इसकी सजावट को लेकर खास चहल-पहल रही। दून ही नहीं, आसपास के एरियाज से आए लोगों ने भी मंडी में बकरों की जमकर खरीदारी की।