DEHRADUN: कैंसर के मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्सस) ऋषिकेश में अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित रेडियोथैरेपी मशीन स्थापित की गई है। संस्थान में एक अन्य अतिरिक्त मशीन के स्थापित होने से कैंसर पीडि़त मरीजों को अब रेडियोथैरेपी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। खास बात यह है कि देशभर के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में एम्स ऋषिकेश में ही उच्च तकनीक की हेल्सियोन मशीन स्थापित की गई है।

पेशेंट्स को मिलेगा लाभ

मंगलवार को एम्स ऋषिकेश में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सहयोग से लो एनर्जी लीनियर एक्सेलरेटर मशीन स्थापित की गई है। जिसका हाल में संस्थान के प्रेसीडेंट प्रोफेसर समीरन नंदी ने लोकार्पण किया। कैंसर के उपचार में लेजर लाइट चिकित्सा का उपयोग किया जाता है। लिहाजा यहां उत्तराखंड के अलावा उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल, बिहार, मध्य प्रदेश आदि के कैंसर ग्रसित मरीज इलाज के लिए आते हैं। अब तक संस्थान के पास इस चिकित्सा की महज एक मशीन उपलब्ध थी, लिहाजा मरीजों की संख्या अत्यधिक होने से उन्हें रेडियोथैरेपी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था। ऐसे में एम्स ऋषिकेश में अत्याधुनिक तकनीकसुविधाओं से लैस हेल्सियोन मशीन स्थापित होने से रोजाना पहले से कहीं अधिक मरीजों की जांच हो सकेगी। इस मशीन से अब रोजाना एक दिन में 160 मरीजों की रेडियोथैरेपी की जा सकेगी, जबकि पूर्व में संस्थान में एक मशीन होने से प्रतिदिन करीब 80 मरीजों की ही रेडियोथैरेपी हो पाती थी। एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है, जहां कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए यह हेल्सियोन मशीन स्थापित की गई है। इससे मरीजों को बड़ा फायदा मिलेगा। एम्स में जल्द ही एक एडवांस ओंकोलॉजी सेंटर की भी स्थापना की जाएगी, जो कि पर्याप्त संख्या में रेडियोथैरेपी उपकरणों से लैस होगा।