देहरादून (ब्यूरो): भविष्य बदरी मंदिर जोशीमठ से करीब 24 किमी दूर सुभाई गांव में स्थित है। जिसका बीकेटीसी की ओर से जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है। निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। बीकेटीसी अध्यक्ष ने भविष्य बदरी मंदिर के समीप वाहन पार्किंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भविष्य बदरी मंदिर के पौराणिक स्वरूप को बरकरार रखने के लिए मुख्य प्रवेश द्वार को स्थानीय पत्थरों पर नक्काशी कर बनाने के निर्देश दिए।

भविष्य बदरी की यह है मान्यता

भविष्य बदरी के बारे में यह मान्यता है कि आने वाले समय में भगवान बदरी विशाल की पूजा-अर्चना इसी स्थान पर होगी। एक पौराणिक आख्यान के मुताबिक जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में विराजमान भगवान नरसिंह की मूर्ति की बाएं हाथ की कलाई घिस रही है। एक समय ऐसा आएगा जब उनके बाएं हाथ की कलाई टूट जाएगी, तो नर- नारायण पर्वत जिन्हें जय- विजय भी कहा जाता है ये एक दूसरे से टकराएंगे। इससे वर्तमान बद्रीनाथ मंदिर का मार्ग बंद हो जाएगा। इसके बाद भगवान बदरीनाथ की पूजा भविष्य बदरी मंदिर में हुआ करेगी।