- पानी की निकासी के स्थायी समाधान को एक्सप‌र्ट्स की ली जा रही हेल्प, आठ से दस इंच पानी की निकासी का नहीं हो पा रहा समुचित इंतजाम

- चार दिनों में दस मीटर क्षेत्र का ही हटाया जा सका मिलबा, चार इंच की एक और लाइन बिछाकर पानी निकालने की तैयारी

GOPESHWAR: तपोपन स्थित विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की मुख्य टनल में रेस्क्यू कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है। टनल में काफी मात्रा में पानी का रिसाव होने से बाधा आ रही है। एनटीपीसी अब टनल के भीतर चार इंच की एक और पाइप लाइन बिछाकर फौरी समाधान तलाश रहा है। हालांकि, इतनी ही क्षमता की लाइन पहले ही बिछाई जा चुकी है, लेकिन इससे काम नहीं चल पा रहा है। पानी निकासी के स्थायी समाधान के लिए एक्सप‌र्ट्स की मदद भी ली जा रही है।

पानी के रिसाव से दलदल

सात फरवरी को ऋषिगंगा और धौलीगंगा के उफान के साथ आए उफान ने ऋषिगंगा कैचमेंट एरिया में तबाही मचाई थी। तपोवन में विष्णुगाड प्रोजेक्ट की कई टनल मलबे से पट गई थी। उसी दिन से मुख्य टनल की सफाई का काम चल रहा है। जल प्रलय से कुछ देर पहले मुख्य टनल के रास्ते 34 कर्मचारी सिल्ट फ्लशिंग टनल पर काम करने गए थे। इनकी खोजबीन जारी है। मुख्य टनल में रेस्क्यू में दिक्कतें बनी हुई हैं। बारह दिनों में टनल के भीतर करीब 160 मीटर तक ही मलबा हटाया जा सका है। तीन हजार मीटर लंबाई की प्रस्तावित टनल 1748 मीटर खोदी की जा चुकी है। यानी अभी खोदी गई टनल के दसवें हिस्से में भी मलबा साफ नहीं हो पाया है। रेस्क्यू टीम जैसे टनल में आगे बढ़ रही है, टनल से पानी का रिसाव बढ़ता जा रहा है। इसी कारण पिछले चार दिनों में मात्र 10 मीटर तक ही मलबा हटाया जा सका है। आठ से दस इंच पानी बहने से भीतर दलदल जैसे हालात बन रहे हैं। इससे मलबा हटाने का काम बाधित हो रहा है। पंपिंग कर चार इंच पानी निकाला जा रहा है, पर इससे काम नहीं चल पा रहा है। अब चार इंच की एक और लाइन से पानी निकासी का इंतजाम किया जा रहा है। गुरुवार दोपहर तो रिसाव अधिक होने पर रेस्क्यू टीम को बाहर से पत्थर ले जाकर जेसीबी को आगे खिसकाना पड़ा। एनटीपीसी के महाप्रबंधक आरपी अहरिवार ने बताया कि टनल में पानी निकासी के लिए एक्सप‌र्ट्स की मदद भी ली जा रही है। रेस्क्यू के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

टनल से अब तक 13 शव मिले

तपोवन में विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की मुख्य टनल से थर्सडे को मलबे में दबे दो और शव बरामद हुए। यहां से अब तक 13 शव मिल चुके हैं। एक शव रैणी इलाके में मिला। मृतकों की शिनाख्त जगदीश तोमर निवासी कालसी देहरादून, विक्की भगत निवासी झारखंड और माधवी देवी निवासी जुगजू तपोवन चमोली के रूप में हुई। आपदा में लापता व्यक्तियों में से 61 शव और 28 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं। इनमें से 34 शवों की शिनाख्त की जा चुकी है।

प्रभावितों का फूटा गुस्सा

विष्णुगाड परियोजना में चल रहे रेस्क्यू में देरी का आरोप लगाते हुए प्रभावितों ने एनटीपीसी के जोशीमठ ऑफिस के समक्ष विरोध दर्ज कराया। पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी के नेतृत्व में प्रभावित यहां पहुंचे। एनटीपीसी के अधिकारियों व प्रभावितों के बीच राहत कार्यों में तेजी लाने पर सहमति बनी।

प्रशासन ने बांटा मुआवजा

चमोली की डीएम स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि अब तक 26 मृतकों के परिजनों व 11 घायल व्यक्तियों को मुआवजा दिया जा चुका है। एक परिवार को गृह अनुदान राशि भी दी गई। प्रभावित क्षेत्रों में 1929 का मेडिकल किया गया। प्रभावित परिवारों को 553 राशन किट, दो बर्तन किट, 45 सोलर लाइट, नौ कंबल वितरित किए गए।

रेस्क्यू अपडेट

कुल लापता - 204

शव बरामद - 61

अब तक शिनाख्त- 34

मानव अंग बरामद -28

अब भी लापता- 143

गुमशुदगी दर्ज- 204

डीएनए सैंपल लिए- 105