- डीएम के आदेश के बावजूद नहीं हो रही सफाई

- जल संस्थान ने नालों की टैपिंग भी नहीं की शुरू

- रियलिटी चेक के दौरान कहीं नहीं दिखा जमीन पर काम

देहरादून

रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान को फिर से तेज करने की बातें लगातार हो रही हैं। लेकिन, धरातल पर अब भी कुछ नजर नहीं आ रहा है। संबंधित विभाग सीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंडे को दिये गये डीएम के आदेशों का ट्यूजडे को मौके पर कोई पालन नहीं किया गया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रिस्पना के कई जगहों पर रियलिटी चेक किया, लेकिन कहीं भी कोई काम होता नजर नहीं आया।

डीएम ने दिये थे रोज सफाई के आदेश

मंडे को डीएम डॉ। आशीष कुमार श्रीवास्तव ने राजीवनगर क्षेत्र में रिस्पना में हो रहे सफाई कार्यो का इंस्पेक्शन किया था। उन्होंने हर रोज नियमित रूप से सफाई करने के आदेश दिये थे। ट्यूजडे को जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने राजीवनगर में रिस्पना का रियलिटी चेक किया तो कहीं भी कोई भी सफाई नजर नहीं आई। यहां नदी के बीच में एक सफाई के इरादे से एक जेसीबी खड़ी दिखाई दी, लेकिन इससे कोई काम नहीं किया जा रहा था। आसपास के लोगों ने बताया कि मशीन यहां खड़ी है, लेकिन इस्तेमाल नहीं होती। भगत सिंह कॉलोनी के पास तो रिस्पना की हालत इतनी खराब है कि कई किमी दूर तक बदबू फैली हुई है।

कब होंगे नाले टैप

मिशन रिस्पना के तहत नदी में गिरने वाले सभी नालों को भी टैप किया जाना है। वर्क प्लान के अनुसार जल संसाधान एवं निर्माण निगम को रिस्पना में गिरने वाले सभी नालों को पूरी तरह से बंद करना है। जल निगम के अधिकारी रिस्पना में गिरने वाले नालों की संख्या 776 बताते हैं। लेकिन, नाले अब भी रिस्पना में गिर रहे हैं। इन्हें बंद करने की काम अभी शुरू नहीं हो पाया है।

कहां जाएगा नालों का पानी

हालांकि जल निगम ने एक हफ्ते की भीतर नालों को टैप करने की बात कही है, लेकिन अब तक यह भी तय नहीं है कि इन नालों को टैप करने के बाद इनका पानी कहां जाएगा। नाले टैप करने से पहले उनके पानी को अन्यत्र छोड़ने की व्यवस्था करनी होगी, लेकिन धरातल पर फिलहाल ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।

कीचड़ बह रहा नदी में

रिस्पना को पुनर्जीवित करने के मामले में अब भी सबसे बड़ी बाधा पानी की आ रही है। फिलहाल इसमें सिटी से निकला गंदा पानी बह रहा है। आने वाले दिनों में नालों को टैप कर दिया जाए तो अब तक जो कीचड़ बह रही है, वह भी नहीं होगी और रिस्पना सूखा नाला बन जाएगी। जबकि नदी को पुनर्जीवित करने के लिए इसमें लगातार पानी के बहाव की जरूरत होगी। खास बात यह है कि रिस्पना को उसके मूल से ही नहर में डाल दिया जाता है, यह नहर सिटी में अंडरग्राउंड बहती है। नहर का कुछ पानी रिस्पना में छोड़ा जाएगा या नहीं, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।

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रिस्पना को पुनर्जीवित करने के मिशन पर तेजी से काम किया जा रहा है। नगर निगम को हर दिन सफाई करने और जल संसाधन विकास निगम को रिस्पना में गिरने वाले नालों की जल्द से जल्द टैपिंग करने के लिए कहा गया है।

डॉ। आशीष कुमार श्रीवास्तव

डीएम, देहरादून