- उत्तर प्रदेश में एंट्री पर पाबंदी के चलते सैटरडे को उत्तराखंड से गई रोडवेज बसों को लौटाया

- चंडीगढ़ और हिमाचल के पांवटा साहिब के लिए चुनिंदा बसों का किया जा रहा संचालन

DEHRADUN: उत्तर प्रदेश में एंट्री पर पाबंदी के चलते सैटरडे को उत्तराखंड से गई रोडवेज बसों को लौटा दिया गया। देहरादून व हरिद्वार से नैनीताल, हल्द्वानी, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर और बरेली-मुरादाबाद जाने वाली बसों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने नजीबाबाद जनपद- बिजनौर से लौटा दिया। यहां तक की कोटद्वार जाने वाली बसों को भी उत्तर प्रदेश ने अपने क्षेत्र से नहीं जाने दिया। वहीं, दिल्ली, राजस्थान व हरियाणा-पंजाब जा रहीं बसों को पुलिस ने फतेहपुर जिला-सहारनपुर से लौटा दिया। उत्तराखंड की रोडवेज बसों का अंतरराज्यीय परिवहन पूरी तरह ठप हो गया है। साथ ही दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा समेत पंजाब से उत्तराखंड आने वाली रोडवेज बसों का भी संचालन बंद हो गया है। हालांकि, यात्रियों की उपलब्धता के आधार पर चंडीगढ़ और हिमाचल के पांवटा साहिब के लिए चुनिंदा बसों का संचालन किया जा रहा।

उप्र ने बसों की एंट्री पर लगाई रोक

बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उत्तर प्रदेश ने अपने सीमा क्षेत्र में दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके चलते सैटरडे की सुबह से उत्तराखंड रोडवेज की करीब साढ़े आठ सौ बसों के पहिये थम गए। इसका कारण यह है कि उत्तराखंड से जो भी बसें दिल्ली और हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के लिए जाती हैं, वह उत्तर प्रदेश सीमा क्षेत्र से गुजरती हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के शहरों के लिए भी जो बस सेवाएं चलती हैं, वह भी रवाना नहीं हो सकीं। कोरोना संक्रमण के बावजूद उत्तराखंड ने अभी अंतरराज्यीय बस संचालन बंद नहीं किया है। सरकार ने फिलहाल पूरे सूबे में कोविड कफ्र्यू लगाया हुआ है और इसमें निजी सार्वजनिक सवारी वाहनों का परिवहन प्रतिबंधित है। कफ्र्यू में रोडवेज बसों को संचालन की अनुमति है। फ्राइडे की रात तक उत्तराखंड की बसें न सिर्फ अपने अंदरूनी मार्गो पर बल्कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल के लिए भी संचालित हो रहीं थी। उत्तराखंड ने उत्तर प्रदेश की सीमा क्षेत्र से होते हुए सैटरडे को जितनी भी रोडवेज बसों का संचालन किया, उन सभी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने लौटा दिया। बसें लौटने पर रोडवेज प्रबंधन को यात्रियों का किराया भी लौटाना पड़ा। ऐसे में प्रबंधन ने अंतरराज्यीय परिवहन पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस संबंध में रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में एंट्री पर रोक लगने के बाद अंतरराज्यीय परिवहन संभव नहीं है। सिर्फ हिमाचल व चंडीगढ़ के लिए बस संचालन किया जा सकता है। यात्रियों की उपलब्धता के आधार पर बस चंडीगढ़ या पांवटा तक भेजी जाएंगी।

150 बसें हुई संचालित

सैटरडे को उत्तराखंड रोडवेज की 1000 बसों की जगह महज 150 बसें संचालित हो सकीं। ये बसें भी प्रदेश के भीतरी मार्गो पर चलीं। रोडवेज प्रबंधन के मुताबिक, दून से पहली बस सेवा जरूर दिल्ली तक पहुंच गई, लेकिन उसके बाद कोई बस आगे नहीं जाने दी गई। जो बसें फ्राइडे से बाहर गई हुई थी, वह सभी लौट आई हैं। चंडीगढ़ व हिमाचल के पांवटा तक सैटरडे को महज पांच बस संचालित की गई।

कुमाऊं मंडल के लिए खड़ा हुआ संकट

गढ़वाल मंडल से कुमाऊं मंडल के लिए संचालित होने वाली उत्तराखंड की रोडवेज बसें उत्तर प्रदेश के सीमा क्षेत्र होकर गुजरती हैं। इस मार्ग पर उत्तर प्रदेश के बिजनौर का हिस्सा पड़ता है। उत्तर प्रदेश ने यहां से जाने पर भी पाबंदी लगा दी है। ऐसे में उत्तराखंड के दोनों मंडलों के बीच बसों का संचालन बंद हो गया है। वहीं, दून से रुड़की जा रहीं बसों का मार्ग बदलकर वाया हरिद्वार किया गया है। यह बसें उत्तर प्रदेश के छुटमलपुर जिला-सहारनपुर होकर जाती थीं, मगर इन बसों को भी जाने नहीं दिया जा रहा।

यमुनानगर-करनाल मार्ग भी बंद

उत्तर प्रदेश में प्रवेश पर पाबंदी के बाद रोडवेज प्रबंधन ने दिल्ली व राजस्थान जाने वाली कुछ बसों को यात्रियों की उपलब्धता के आधार पर पांवटा साहिब-यमुनानगर से करनाल-पानीपत होते हुए दिल्ली मार्ग पर चलाने की तैयारी की थी, लेकिन हरियाणा में लॉकडाउन होने के कारण इस मंशा पर पानी फिर गया। इसके साथ ही उत्तराखंड से हरियाणा के हिसार, अंबाला व पानीपत, पंजाब के लुधियाना, अमृतसर व पटियाला जाने वाली बसों का संचालन भी सैटरडे से बंद हो गया।

25 परसेंट ही आएंगे कर्मचारी

बस संचालन सीमित होने पर रोडवेज प्रबंधन ने कर्मचारियों की उपस्थिति घटाते हुए 25 परसेंट कर दी है। हर डिपो में 25 फीसद चालक-परिचालक रोटेशन की तर्ज पर बुलाए जाएंगे। पांच फीसद चालक एवं परिचालक रिजर्व में रहेंगे। रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक कुमार चौधरी ने महाप्रबंधक (कार्मिक) आरपी भारती के साथ इस संबंध में वार्ता की। जो चालक व परिचालक नहीं बुलाए जाएंगे, उन्हें हाजिर माना जाएगा।