DEHRADUN: पांच माह से रोडवेजकर्मियों को वेतन न मिलने के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट नैनीताल ने रोडवेज के प्रबंध निदेशक को अदालत में तलब किया तो शासन हरकत मे आ गया। आनन-फानन में शाम को सचिव परिवहन ने रोडवेज को 20 करोड़ रूपये की धनराशि जारी करने के आदेश दे दिए। यह धनराशि पर्वतीय मार्गो पर रोडवेज बसों के संचालन से होने वाले घाटे की मद से जारी की गई। इससे कर्मचारियों को एक माह जनवरी का वेतन दिया जाएगा। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो यह मदद शुक्रवार को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान सरकार का मजबूत पक्ष रखने के मकसद से जारी की गई है।

कर्मियों को नहीं मिली सैलरी

पिछले डेढ़ साल से रोडवेज कर्मचारियों को तीन से चार माह की देरी से वेतन मिल रहा था लेकिन अब इसका अंतराल बढ़कर पांच-पांच माह का हो चुका है। कोरोना के कारण उपजे हालात से रोडवेज की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है और पिछले साल मार्च से लेकर दिसंबर तक का वेतन उसने सरकार से मिली मदद के आधार पर दिया। मौजूदा समय में रोडवेज प्रबंधन पर जनवरी से मई तक का वेतन लंबित है और अब कर्मचारियों का सब्र भी जवाब दे चुका है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन इस मामले में हाईकोर्ट पहुंच चुकी है व रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद चरणबद्ध आंदोलन कर रही। चार हफ्ते पूर्व रोडवेज मुख्यालय ने सरकार से पर्वतीय मार्गो पर संचालन के घाटे की मद से 20 करोड़ रूपये की डिमांड की थी, लेकिन फाइल यहां से वहां टहलती रही। यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री खुद इसे मंजूरी दे चुके थे।

इधर, बुधवार को कर्मचारी यूनियन की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए रोडवेज के प्रबंध निदेशक आशीष कुमार चौहान को शुक्रवार को अदालत में पेश होने के आदेश दे दिए। इसकी सूचना मिलते ही शासन के अधिकारी हरकत में आ गए। आनन-फानन में परिवहन सचिव रंजीत सिन्हा ने रोडवेज की 20 करोड़ रूपये की फाइल मंगाई और धनराशि जारी करने के आदेश दे दिए। यह रकम अगले दो दिन में रोडवेज के खाते में पहुंचेगी।

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मुख्य सचिव की भी नहीं सुनते शासन में बैठे अधिकारी: यूनियन

उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी का आरोप है कि शासन के अधिकारी मुख्य सचिव के आदेश भी नहीं मानते। उन्होंने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 12 अप्रैल को उच्चस्तरीय बैठक का हवाला देते हुए बताया कि बैठक में मुख्य सचिव ने 57.50 करोड़ रूपये की मदद देने के आदेश दिए थे। इसमें 17.50 करोड़ रूपये पर्वतीय संचालन के घाटे और 20 करोड़ रूपये मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोष से देने की मंजूरी दी गई थी। साथ ही 20 करोड़ रूपये सरल ऋण के रूप में देने के आदेश दिए गए थे। कर्मचारी यूनियन ने कहा कि सिर्फ 20 करोड़ रूपये जारी करने से कुछ नहीं होगा, पूरे पांच माह का वेतन जारी किया जाना चाहिए।

परिषद व महासंघ ने जताई खुशी

वेतन के लिए आंदोलन कर रहे रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद व निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने 20 करोड़ रूपये जारी होने पर खुशी जताई है। निगम महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गोसाई ने कहा कि सोमवार को इस संबंध में परिवहन सचिव से वार्ता हुई थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को रोडवेज की मदद को एकमुश्त 100 करोड़ रूपये जारी करने चाहिए।