देहरादून(ब्यूरो)। लगातार मांग के बावजुद बसें नहीं चल पाने की बड़ी वजह वर्कशॉप में स्पेयर पार्ट की कमी है। बसें रिपेयर होने के लिए वर्कशॉप में तो जाती है। लेकिन पार्ट्स न होने के कारण यह बसें वापस नहीं लौट रही है। बसों में लगने वाले टायर समेत कई स्पेयर पाटर्््स न मिलने के कारण यह बसें नहीं चल पा रहें। स्पेयर पार्ट्स में सबसे ज्यादा जरूरत टायर की है लेकिन, टायर भी नहीं मिल पा रहे।

रिट्रीड के लिए रबड़ भी नहीं
रोडवेज की बसों में आगे के टायर नए होने चाहिए, जबकि पीछे के टायर पुराने टायर को रिट्रीड कर लगाया जा सकता है। जबकि नए टायर की सप्लाई पहले ही बाधित थी। लेकिन, अब पुराने टायर को रिट्रीड करने के लिए भी रोडवेज के पास रबड़ नहीं मिल रहे। ऐसे में जो बसें रोडवेज के हरिद्वार रोड स्थित वर्कशॉप में पहुंच रही है वह ठीक होकर संचालन के लिए नहीं लौट रही।

वर्कशॉप में लगे टायर के ढेर
रोडवेज के हरिद्वार रोड स्थित वर्कशॉप में एक कोने में 120 से ज्यादा टायरों के ढेर लगे हैं। यह टायर पूरी तरह फ्लैट होने के कारण संचालन के लायक नहीं है। रोडवेज के टायर रिट्रीड न होने के कारण इन बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है।

इन स्पेयर पाटर्््स का हो रहा सबसे ज्यादा संकट
टायर
बैंरिंग
रिट्रीड के लिए रबड़
इंजन ऑयल
ब्रेक शू

शुक्रवार को खड़ी हुई 12 बसें
शुक्रवार को ट्रांसपोर्ट नगर में एक साथ 12 रोडवेज की बसें खड़ी हो गईं। बताया जा रहा है कि इन बसों के टायर बहुत ही खराब स्थिति में हैं। आगे व पीछे के टायर पूरी तरह फ्लैट हो चुके थे। ऐसे में इन बसों का संचालन पैसेंजर की जान से खिलवाड़ बन सकता है।

-रोडवेज के कुल 17 डिपो
-9 गढ़वाल मंडल में
-8 कुमाऊं मंडल में।

डिपो - खड़ी हो चुकी बसों की संख्या
ऋषिकेश-हरिद्वार - 12
कोटद्वार-श्रीनगर - 13
जेनएनएनयूआरएम- 11
रुड़की- 15
देहरादून ग्रामीण- 16
हिल डिपो- 24
श्रीनगर - 12
हिल डिपो - 20

इतने बसों का संचालन कैंसिल
रोडवेज की बसों के रिपेयर न होने के कारण कई रूटों पर संचालन का असर रहा। कई रूटों के लिए बसों के संचालन को भी कैंसल किया गया।

रूट - रूट पर बसें - मौजूदा संचालन - कैंसिल
देहरादून- मसूरी - 18 - 15- 3
देहरादून-पुरोला - 2 - 1- 1
देहरादून- ऋषिकेश - 14 - ¸10- 4
देहरादून - हरिद्वार - 12 - 08- 4
देहरादून - रुड़की - 10- 07- 3
देहरादून - दिल्ली - 30 - 20 - 10
ग्रामीण डिपो - 30 - 21 - 9


रोडवेज की 800 बसें नई
रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार रोडवेज के 1600 बसों में से 400 बसें अनुबंधित है। जबकि 800 बसें नई है। जिन्हें 2016 के बाद खरीदा गया हैं। ऐसे में इन बसों की सर्विस के दौरान केवल इंजन ऑयल और टायर की जरूरत होती है। लेकिन, वह भी रोडवेज पूरा नहीं कर पा रहा है।


डेली घट रही सर्विस
रोडवेज का त्योहार तक संचालन ठीक चल रहा था। लेकिन, बीते कुछ दिनों से बसें रिपेयर न होने से देहरादून से ही नहीं बल्कि कुमाऊं व श्रीनगर से भी लगातार बसों का संचालन कम होता जा रहा है। जिसका सीधा असर रोडवेज की इनकम पर भी पड़ रहा है।

पुरानी कंपनी से परचेज नहीं
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोडवेज की बसों के टायर की रिट्रीड करने वाली कंपनी की रबड़ बहुत ही खराब थी। बसों के टायर को रिट्रीड करने के बाद भी यह टायर जल्दी खराब हो रहे थे। ऐसे में जिस कंपनी से यह रबड़ मंगवाई जा रही थी उसे रोक दिया गया हैं।