-जल्द निर्माण कार्य शुरू होने का दावा, प्राइवेट इन्वेस्टर्स के साथ एमओयू

देहरादून,

सरकार की मानें तो दून के पुरुकुल से मसूरी लाइब्रेरी चौक तक 5.5 किमी लंबे रोपवे के लिए प्राइवेट इन्वेस्टर का सिलेक्शन कर लिया गया है। हालांकि, ये बात अलग है कि ये प्रोजेक्ट लंबे समय से पाइप लाइन में है और ये प्रोजेक्ट रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए प्राइवेट इन्वेस्टर्स के साथ अनुबंध हो चुका है। फर्म की ओर से सर्वे का काम चल रहा है। जिसके लिए वर्तमान में लैंड ट्रांसफर व (एनवायरनमेंटल इंपैक्ट असिसमेंट)ईआईए की कार्यवाही गतिमान है।

दून-हरिद्वार मेट्रो प्रोजेक्ट पर भी चर्चा

थर्सडे को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी)मुख्यालय में अधिकारियों के साथ पीपीपी मोड में संचालित होने वाले रोपवे की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उत्तराखंड मेट्रो कार्पोरेशन के अधिकारियों की ओर से दून से हरिद्वार मार्ग में प्रस्तावित मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर भी चर्चा की गयी।

रोपवे प्लान पर एक नजर

-पौड़ी के झलपाडी से दीवाडांण्डा मंदिर तक बनने वाले रोपवे पर शीघ्र कार्यवाही हो।

-पुर्णागिरि मंदिर के पर्वत में आये दरार व पुर्णागिरि मंदिर आश्रम ट्रस्ट को ठीक करने के निर्देश।

-चम्पावत में ठुलीगाड से पूर्णागिरी के 903 मीटर रोप वे प्रोजेक्ट पर इंजीनियर नियुक्त के लिए शासन से अनुरोध।

-टिहरी गढ़वाल में कद्दूखाल से सुरकण्डा देवी तक के 502 मीटर लंबे रोपवे का निर्माण प्रगति पर, जून 2021 तक पूरा होने का लक्ष्य।

-चमोली के घांधरिया से हेमकुण्ड साहिब तक 2 किमी लंबे रोप वे के लिए भी प्राइवेट इनवेस्टर्स का चयन, लैंड ट्रांसफर की कार्यवाही जारी।

-जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक 3.38 किमी लम्बे रोपवे के लिए नये निजी इनवेस्टर्स के चयन की कार्यवाही को शासन से अनुमति प्राप्त।

-रानीबाग से नैनीताल/कालाढूंगी से नैनीताल 2 किमी रोपवे को भूमि चयन प्रक्रिया गतिमान।

-न्यू बस स्टैण्ड पौड़ी से क्यूंकालेश्वर मंदिर तक के रोपवे व कीर्तिखाल से भैरवगढ़ी मंदिर तक के रोपवे के लिए ब्रिडकुल को डीपीआर बनाने के निर्देश।

कुंभ में शामिल होंगी 150 देवडोलियां

पर्यटन मंत्री से देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा समिति द्वारा कुम्भ पर्व में देवडोली शोभायात्रा पर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि कुम्भ में 24 अप्रैल को देवडोलियां ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट से एकत्रित होकर 25 अप्रैल को हर की पैड़ी पहुंचेंगी। इसमें करीब गढ़वाल व कुमाऊं की 150 देवडोलियां, ध्वज व उनके साथ पर्वतीय क्षेत्र के ट्रेडिशनल वाद्य यंत्र जैसे ढोल, दमाऊ, रणसिंहा शामिल होंगे। इनकी संख्या पांच हजार के करीब होगी।