हरिद्वार,

हरिद्वार-मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार रात पूर्वी गंगनहर पुल की रे¨लग तोड़कर सरकारी बोलेरो गाड़ी गंगनहर में समा गई। हादसे में नैनीताल से विभागीय प्रशिक्षण लेकर लौट रहीं रुड़की की तहसीलदार सुनैना राणा, अर्दली व चालक की मौत हो गई। सुनैना रुद्रप्रयाग और अन्य रुड़की के रहने वाले हैं। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीनों के निधन पर शोक जताया है।

रेलिंग तोड़कर घुसी कार

रुड़की तहसीलदार सुनैना राणा शनिवार को हरिद्वार के तहसीलदार आशीष घिल्डियाल और कुंभ प्रभारी तहसीलदार मंजीत सिंह के साथ विभागीय प्रशिक्षण के लिए नैनीताल गई थीं। तीनों अधिकारी अलग-अलग वाहनों में थे। रात करीब साढ़े आठ बजे नजीबाबाद सीमा से गुजरते समय अन्य दोनों अधिकारियों की गाडि़यां हरिद्वार की दिशा में बढ़ गई, जबकि सुनैना की गाड़ी नजीबाबाद नगर से करीब चार किलोमीटर पहले नेशनल हाईवे पर सरवनपुर क्षेत्र में पूर्वी गंगनहर की रे¨लग तोड़कर नहर में गिर गई।

पुलिस ने की पेट्रोलिंग

रात 10 बजे तक जब अन्य अधिकारियों को सुनैना की लोकेशन नहीं मिली तो उन्होंने मोबाइल पर संपर्क किया, लेकिन स्विच ऑफ मिला। इस पर दोनों अधिकारी सुनैना को खोजते हुए वापस नजीबाबाद की ओर चल पड़े। इसी बीच उप्र-उत्तराखंड सीमा पर स्थित मंडावली थाने पर पुलिस को भी सूचना दी। मंडावली पुलिस ने वायरलेस पर मैसेज फ्लैश किया। इसके बाद नजीबाबाद, मंडावली, कोतवाली देहात थानों की पुलिस पेट्रो¨लग में जुट गई।

पानी में दिखी बोलेरो

रविवार सुबह करीब पांच बजे पुलिस को पूर्वी गंगनहर पुल की रे¨लग टूटी मिली। बोलेरो का कुछ हिस्सा पानी में दिखाई दिया। छह बजे क्रेन मंगाकर गाड़ी को निकालने का प्रयास शुरू हुआ। दो घंटे बाद तहसीलदार सुनैना राणा, चालक सुंदर सिंह और अर्दली ओमपाल के शव गाड़ी समेत निकाले गए। तीनों शव गाड़ी के भीतर थे। सुनैना मूल रूप से रुद्रप्रयाग जिले के जखोली तहसील के ग्राम सेमा की निवासी थी। उनके पति प्रोफेसर हैं।

बिजनौर के डीएम रमाकांत पांडेय का कहना है कि प्रथम दृष्टया हादसे का कारण चालक को झपकी आना या तेज गति के कारण वाहन अनियंत्रित होकर नहर में गिरना माना जा रहा है। जांच के बाद ही असली कारण सामने आ सकेंगे। सीओ नजीबाबाद को जांच सौंपी गई है।