DEHRADUN: चमोली के तपोवन में आई प्राकृतिक आपदा के कारण अभी भी लापता व जिनकी पहचान नहीं हो पाई है। ऐसे 166 लोगों के परिजनों का डीएनए सैंपल लेने की प्रक्रिया पुलिस ने शुरू कर दी है। पुलिस हेडक्वार्टर की ओर से सात राज्यों के होम सेक्रेटरी व एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को पत्र लिखकर लापता हुए व्यक्तियों के परिनजों को सैंपल देने के लिए भेजने को कहा गया है। बीती सात फरवरी को चमोली के रैंणी गांव में ग्लेशियर टूटने से आपदा आ गई थी। प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक इस आपदा में कुल लापता 204 व्यक्तियों की संख्या बताई गई। इनमें से अब तक 68 के शव व 28 मानव अंग बरामद किए गए हैं। जबकि 38 शवों व एक मानव अंग की पहचान ही हो पाई है। ऐसे में जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई है, उन सभी के डीएनए संरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा जो व्यक्ति अब तक लापता हैं, उनमें असम, झारखंड, बिहार, उड़ीसा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर के बताए गए हैं। लापता हुए व्यक्तियों की तलाश अब तक जारी है। पुलिस हेड क्वार्टर डीआईजी लॉ एन ऑर्डर व प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि जिन व्यक्तियों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है और जिनकी तलाश की जा रही है, उनके परिजनों को सैंपल देने के लिए देहरादून बुलाया गया है। सभी के डीएनए सैंपल देहरादून स्थित फॉरेंसिक लेबोरेटरी में होने हैं। ऐसे में सात राज्यों के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है कि जो व्यक्ति आपदा में लापता हैं, उनके परिजनों को भेजना सुनिश्चित करें।

ऋषिगंगा झील में कम हुअा वाटर लेवल

चमोली में आपदा प्रभावित क्षेत्र में ऋषिगंगा पर बनी झील का वाटर लेवल करीब आधा फीट कम हो गया है। झील के पानी की निकासी अब चौड़ी जलधारा के रूप में होने से भी सरकार व जिला प्रशासन समेत राहत व बचाव में जुटी तमाम एजेंसियां राहत महसूस कर रही हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चीफ सेक्रेटरी ओम प्रकाश, झील का अध्ययन कर रहे साइंटिस्ट्स केदल से फीडबैक लिया। हालांकि साइंटिस्ट ने झील से अभी किसी भी तरह के खतरे से इन्कार किया है।

केंद्र से हेलीकॉप्टर की मांग

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंडे को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर चमोली जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा में राहत व बचाव कायरें की जानकारी दी। सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में उत्तराखंड हिमनद व जल संसाधन शोध केन्द्र की स्थापना का अनुरोध किया। इसके अलावा सीएम ने राज्य के दुर्गम-अति दुर्गम आपदा सम्भावित क्षेत्रों और अंतराष्ट्रीय सीमाओं की रेगुलर देखरेख के लिए एक हैलीकॉप्टर के अलावा आपदा व सीमा प्रबन्धन को देखते हुए गैरसैंण में एक आईआरबी बटालियन स्थापना की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। सीएम ने कुंभ को देखते हुए एंटी ड्रोन तकनीक से संयोजित एक स्पेशल टीम की तैनाती का भी आग्रह किया। सीएम ने राज्य पुलिस को और अधिक मॉडर्न बनाये जाने के लिए राज्य पुलिस बल आधुनीकरण योजना में प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ का बजट उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।