शिवरात्रि पर लॉकडाउन के चलते नहीं कर पाए थे श्रद्धालु अभिषेक

ऐसे में सोमवार को किया शिवालयों में बाबा का अभिषेक

एक डोले के साथ शोभायात्रा के लिए मांगी परमिशन

देहरादून।

सावन के तीसरे सोमवार पर मंदिरों में श्रद्धालु पहुंचे। वहीं संक्रांति से सावन मनाने वाले पहाड़ी मूल के लोगों का भी सावन इस सोमवार से शुरू हो गया। इस दौरान मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए। मंदिर प्रबंधन की ओर से भी भोले बाबा का विशेष अभिषेक किया गया।

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शिवरात्रि पर घरों में पूजा

संडे को सावन की शिवरात्रि थी। इस मौके पर श्रद्धालु वीकेंड लॉकडाउन के चलते मंदिर नहीं जा सके। यही वजह रही कि सोमवार को श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। वहीं पूर्णिमा से सावन शुरू होने वालों का ये तीसरा सोमवार था तो वहीं संक्रांति से जो लोग सावन की शुरुआत मानते हैं, उनका ये पहला सोमवार था। शिवरात्रि में घरों का बाबा का अभिषेक करने वाले इन सभी श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंच विशेष पूजा-अर्चना की।

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थर्मल स्कैनिंग और मास्क

गढ़ी कैंट स्थित टपकेश्वर मंदिर सहित पृथ्वीनाथ मंदिर, नागेश्वर मंदिर, पंचायती मंदिर, प्राचीन मंदिर, सिद्धेश्वर मंदिर सभी जगह थर्मल स्कैनिंग से श्रद्धालुओं का टेंपरेचर लिया गया। इसके साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा गया। जिन श्रद्धालुओं के पास मास्क नहीं थे, उन्हें मंदिर प्रबंधन कमेटी की ओर से मास्क भी दिए गए। इसके बाद ही शिवालयों में एंट्री दी गई।

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अपने लोटे के साथ अभिषेक

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही श्रद्धालु घर से अपना लोटा लेकर मंदिर गए थे। गाइड लाइन फॉलो करते हुए श्रद्धालुओं के मंदिर के लोटे पर प्रतिबंध लगाते हुए उन्हीं श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने दिया गया, जो कि घर से अपने साथ अपना लोटा लेकर बाबा के अभिषेक के लिए पहुंचे हुए थे। वहीं मंदिरों की ओर से सेनेटाइजर भी मंदिरों के द्वार पर रखे गए थे।

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शोभायात्रा को लेकर मुलाकात

टपकेश्वर मंदिर के महंत कृष्णा गिरी, दिगंबर भरत गिरी, सतीश अग्रवाल, गोपाल गुप्ता ने मंडे को डीएम से मुलाकात की। इस मौके पर महंत का कहना था कि सावन की त्रयोदशी को निकालने वाली शोभायात्रा बेहद छोटे स्वरूप में निकालने की परमिशन दी जाए। कहा कि इस बार त्रयोदशी एक अगस्त को है। इस मौके पर सुबह साढ़े छह बजे एक डोले के साथ शिवाजी धर्मशाला से यात्रा निकालने की परमिशन मांगी गई। जो कि बाजार खुलने से पहले आधे से पौने घंटे तक संपन्न कर ली जाएगी। कहा कि इससे सालों से चली आ रही शोभायात्रा निकालने की परंपरा नहीं टूटेगी।