देहरादून (ब्यूरो) सैटरडे को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स स्टडीज की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। बतौर चीफ गेस्ट दून विवि की कुलपति डा। सुलेखा डंगवाल ने कहा कि देश में बोली एवं भाषाओं को समृद्ध व पहुंच योग्य बनाने के लिए विद्वतजनों को भी आगे आकर अपनी भूमिका निश्चित करनी होगी। अंग्रेजी भाषा को ज्ञान के साथ जोड़कर किसी व्यक्ति की रचनात्मकता की तुलना नहीं की जा सकती है। कहा, अपनी भाषा के बारे में सही समझ व ज्ञान रखकर अपने किसी भी पेशेवर पढ़ाई की महारथ हासिल कर सकते हैं। जर्मनी चीन जैसे देश इसका ज्वलंत उदाहरण हैं।

तकनीकी शब्दावाली की विशेषता बताई
श्री गुरु राम राय विवि के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स स्टडीज की डीन डा। पूजा जैन ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी शब्दावली की उपयोगिता व विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी दी। हिमालयन विवि के कुलपति डा। केएन जीना ने मनोविज्ञान को भाषा के महत्व के साथ जोड़कर कई उदाहरण प्रस्तुत किए। मुख्य वक्ता आईआईटी रुड़की की स्मिता झा ने कहा कि 21वीं सदी में देश विकासशील देश की श्रेणी में यह ङ्क्षचताजनक विषय है। इस दौरान प्रोफेसर गिरीश नाथ झा, एसजीआरआर यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डा। अजय कुमार खंडूडी समेत अन्य मौजूद रहे।

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