-स्मार्ट सिटी में प्रस्तावित 15 हाइड्रेंट पंपों पर नहीं हुआ काम शुरू

-फिलहाल ओवरहेड टैंकों के सहारे चल रहा विभाग का काम

देहरादून

पिछले कुछ वर्षो में दून के पॉपुलेशन में तेजी के साथ बढ़ोत्तरी हुई है। इसी के साथ आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। फायर ब्रिगेड सर्विस में इस दौरान कुछ सुधार तो हुए हैं, लेकिन आज भी दून में फायर ब्रिगेड सिस्टम बिना हाइड्रेंट पंप के ही चल रहा है। बताते हैं कि आजादी से पहले बहुत कम पॉपुलेशन के बावजूद दून में कई जगह हाइड्रेंट पंप लगे हुए थे। लेकिन अब उनका कहीं अता-पता तक नहीं है।

ओवरहेड टैंकों का सहारा

आग के खतरे को देखते हुए सभी शहरों में हाइड्रेंट पंप की व्यवस्था की जाती है। ऐसे पंप सिटी में अलग-अलग जगह लगे होते थे, वाटर टेंडर में आसानी से पानी भरा जा सके और गाडि़यों को पानी भरने के लिए ज्यादा दून न जाना पड़े। हाइड्रेंट पंप न होने के वजह से फायर ब्रिगेड की गाडि़यों को जल संस्थान के ओवरहेड टैंकों से काम चलाना पड़ता है। दावा तो यह किया जाता है कि जल संस्थान के हर ओवरहेड टैंक के साथ फायर ब्रिगेड की गाडि़यों के लिए आउटलेट बनाया गया है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर यह व्यवस्था नहीं है।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में प्रस्ताव

दून को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रोजेक्ट तैयार करते समय हाइड्रेंट पंप का मसला भी सामने आया था। उस समय महसूस किया गया था कि स्मार्ट सिटी में फायर ब्रिगेड के लिए हाईड्रेंट पंप जरूरी हैं। इस बारे में फायर ब्रिगेड से प्रस्ताव मांगा गया तो फायर ब्रिगेड ने 15 लोकेशंस पर पंप लगाने का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन, देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से अब तक न तो हाइड्रेंट पंप लगाने पर काम शुरू किया गया है और न ही ऐसा कोई प्रोजेक्ट अब तक तैयार किया गया है।

इस बार ज्यादा खतरा

समय से पहले मौसम गर्म होने के साथ ही इस बार फायर की घटनाएं ज्यादा होने की आशंका है। सिटी के चारों ओर दर्जनों ऐसी बस्तियां हैं, जो जंगलों से घिरी हुई हैं। ऐसे में फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी आग लगने की घटनाएं ज्यादा होने की आशंका जता रहे हैं। पिछले वर्ष सर्दियों के दिनों में अच्छी बारिश और कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद अप्रैल में 17 और मई में 52 आग लगने की घटनाएं दर्ज की गई थी। इस बार फरवरी के महीने में भी टेंपरेचर 31 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पहुंच जाने के बाद आग लगने की घटनाओं में भारी बढ़ोत्तरी की आशंका जताई जा रही है।

रिस्पॉन्स टाइम कम करने पर जोर

फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के अनुसार इस बार 1 मार्च से औपचारिक फायर सीजन शुरू होने से पहले की सभी तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। सूचना मिलने से गाड़ी रवाना होने तक का समय 1 मिनट तक है। इस और कम किया जा रहा है। फायर कर्मियों की छुट्टियां कैंसिल की गई हैं। केवल बहुत जरूरी होने पर छुट्टी देने की व्यवस्था की गई है।

तैयारियां की जा चुकी हैं। जल संस्थान के सभी ओवरहेड टैंक पर बनाये गये आउटलेट की निरीक्षण का काम पूरा कर लिया गया है। हाइड्रेंट पंप का प्रस्ताव डीएससीएल का भेजा गया है।

राजेन्द्र सिंह खाती, चीफ फायर ऑफिसर