- जीजीआईसी राजपुर रोड को सहित तीन स्मार्ट स्कूल बनाने का दावा

- 15 क्लास रूम्स में प्रोजेक्टर व स्मार्ट बोर्ड लगाने का काम पूरा

- अब रोटरी क्लब ने उठाया स्कूल में टॉयलेट बनाने का बीड़ा

देहरादून

देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिटी के तीन स्कूल्स को स्मार्ट स्कूल बनाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि स्मार्ट स्कूल का 99 परसेंट काम पूरा हो चुका है। इन स्कूलों में लगे बोर्ड पर कार्य पूरा होने की तिथि 31 अक्टूबर 2020 बताई गई है। यानी कि अगले 8 दिनों में ये स्कूल पूरी तरह से स्मार्ट बन जाने वाले हैं। तीनों स्कूल्स को स्मार्ट बनाने के लिए कुल 5 करोड़, 5 लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं।

क्या है स्थिति

स्मार्ट स्कूल्स को स्थिति जानने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने इनमें से एक गवर्नमेंट ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज राजपुर रोड का रियलिटी चेक किया। फिलहाल यहां 15 क्लास रूम स्मार्ट बनाये जा चुके हैं। बिल्डिंग्स की हालत भी अब सुधर गई है, हालांकि बिल्डिंग्स की रिपेयरिंग का काम स्मार्ट सिटी के बजट में नहीं किया गया है।

क्या है क्लास रूम्स में

हर क्लास रूम में डीएससीएल की ओर से एक प्रोजेक्टर और एक प्रोजेक्टर और एक स्मार्ट बोर्ड लगाया गया है। बताया गया कि क्लास रूम्स में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी। सभी क्लास रूम्स में नया फर्नीचर भी लगाया गया है, लेकिन फर्नीचर डीएससीएल के प्रोजेक्ट से नहीं बल्कि किसी अन्य हेड से बनवाया गया है।

प्रिंसिपल ऑफिस भी बना स्मार्ट

जीजीआईसी का प्रिंसिपल ऑफिस भी स्मार्ट बनाया गया है। डीएससीएल की ओर से प्रिंसिपल ऑफिस में बड़ी टीवी स्क्रीन और एसी की व्यवस्था की गई है। इस टीवी स्क्रीन से स्कूली कंपाउंड में लगाये गये सीसीटीवी कैमरे जोड़े जाएंगे। फिलहाल नौ सीसीटीवी कैमरे स्कूल कंपाउंड में अलग-अलग जगहों पर लगाये गये है।

एक बिल्डिंग का काम अधूरा

स्कूल को स्मार्ट बनाने की समय सीमा बेशक आज से 8 दिन बाद हो, लेकिन जीजीआईसी की एक बिल्डिंग के 15 क्लास रूम ही अब तक स्मार्ट बनाये जा सके हैं। एक बिल्डिंग में अभी काम होना बाकी है। स्कूल में एक कंम्यूटर लैब भी बनाई गई है। हालांकि कंप्यूटर लैब अभी स्कूल को हैंडओवर न किये जाने के कारण बंद है, लेकिन बाहर से देखने में अत्याधुनिक लगती है।

नहीं बन पाये टॉयलेट

जीजीआईसी राजपुर रोड में ज्यादातर क्लास रूम तो स्मार्ट बन गये, लेकिन स्टूडेंट्स को साफ-सुथरे टॉयलेट्स के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल स्कूल में जो टॉयलेट हैं, वे बेहद बुरी हालत में हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत बनाये गये इन टॉयलेट में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही इनमें नियमित सफाई की जाती है। स्मार्ट स्कूल के ये झोपड़ीनुमा टॉयलेट मेहनत पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं।

रोटरी क्लब ने ली जिम्मेदारी

बताया जाता है कि अब स्कूल में स्मार्ट टॉयलेट बनाने का बीड़ा रोटरी क्लब ने उठाया है। फिलहाल 10 टॉयलेट बनाने का काम शुरू किया जा रहा है। हालांकि करीब 700 स्टूडेंट्स के लिए 10 टॉयलेट बहुत कम होंगे, फिर भी इन टॉयलेट के बन जाने से स्टूडेंट्स को पुराने गंदे टॉयलेट से तो निजात मिल ही जाएगी।

------

जीजीआईसी में नाबार्ड के तहत काम हो रहे थे। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आया तो इसमें कुछ एडिशन किया गया, जिनमें टाइल्स लगाना आदि कुछ सिविल कार्य शामिल थे। इसके अलावा डीएससीएल को मुख्य कार्य आईटी कंपोनेंट्स उपलब्ध करवाना है। यह काम पूरा हो चुका है।

अशोक नेगी, एजीएम सिविल

डीएससीएल