- करीब दो वर्ष से पार्क बदहाल

- कभी पसंदीदा पार्को में था शुमार

देहरादून,

राजपुर पॉश इलाके में मौजूद एमडीडीए पार्क कभी लोगों की पसंद हुआ करता था। लेकिन पिछले वर्षो से अब यह पार्क बंजर पड़ा हुआ है। स्थिति ये है कि गेट पर एक मात्र गार्ड नजर आता है। बताया जा रहा है कि आजकल यहां सांपों का डेरा बना हुआ। गार्ड पार्क में सांपों के खतरे पर किसी को पार्क में जाने की अनुमति नहीं दे रहा है। इधर, एमडीडीए अधिकारियों का कहना है कि पार्क के ब्यूटिफिकेशन के लिए जिस कंपनी को टेंडर जारी हुए हैं, उसने सिविल वर्क शुरु कर दिया है।

टेंडर तो हुए, काम नहीं हुआ शुरू

कभी राजपुर स्थित एमडीडीए का पार्क पर्यटकों की आवक से खचाखच हुआ करता था। प्राधिकरण ने इसके सौंदर्यीकरण का प्रोजेक्ट तैयार किया। इसके बाद यहां घूमने-फिरने के लिए आने वाले लोगों की आवाजाही करीब दो वर्ष पहले रोक दी गई। इसके लिए बकायदा दो वर्ष पहले आईटीडीए से डीपीआर भी तैयार करवाई गई। दो कंपनियों पैन इंटेलीकॉम इंडिया प्रा.लि। व ट्राईकलर इंडिया लि। ने टेंडर भरे हैं, पैन के नाम सौंदर्यीकरण का ठेका हुआ। लेकिन डेढ़ वर्ष से अधिक का वक्त बीत गया है, अब तक ब्यूटिफिकेशन का काम शुरु हो पाया। प्राधिकरण के हार्टिकल्चर ऑफिसर एआर जोशी के अनुसार टेंडर हासिल करने वाली कंपनी ने सिविल वर्क शुरु कर दिया है।

ये किए गए थे दावे

-होगी लाइट एंड साउंड शो की सुविधा।

-मिलेगी उत्तराखंड के एतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों की जानकारियां।

-शो को सुनने के लिए इयरफोन भी दिए जाएंगे

-अंग्रेजी और हिंदी में ऑडियो सुनने का ऑप्शन रहेगा।

-स्टेट का पहला लाइट एंड साउंड शो वाला पार्क होगा।

-पार्क के लैंडस्केप को चेंज कर अट्रैक्ट बनाया जाएगा।

-हरियाली व फुलवारियां नजर आएंगी।

कभी हुआ करती थी रौनक

कुछ वर्षो पहले तक पार्क ठेके पर संचालित होता था। जहां बच्चों के लिए किड्स पार्क थे और 10 से 20 रुपए तक की टिकट व्यवस्था थी। लेकिन बाद में ठेका व्यवस्था खत्म की गई और तब से पार्क बदहाल है।

तरला नागल का पार्क भी फाइलों में गुम

राजपुर क्षेत्र के तरला नागल में प्राधिकरण ने स्टेट का पहला सिटी पार्क बनाए जाने के दावे किए थे। 12.52 हेक्टेयर जमीन चिह्नित हुई। लेकिन इस प्रोजेक्ट का भी लोगों को इंतजार बाकी है।