देहरादून (ब्यूरो)। डीएम ने श्रम विभाग और जिला टास्क फोर्स समिति से जुड़े विभागों और संस्थाओं को निर्देश दिए कि चाइल्ड लेबर और भिक्षावृत्ति पर खास ध्यान रखते हुए लगातार छापेमारी करें। इसके साथ ही ऐसे मामलों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करें। छापेमारी के दौरान चाइल्ड लेबर और भिक्षावृत्ति करते हुए पाए गए बच्चों के पैरेंट्स की पहचान भी करें।

डीएम ने दिए निर्देश
- जो बच्चे चिन्हित किये जाते हैं, उनके संरक्षण, सुरक्षा और शिक्षा की व्यवस्था की जाए।
- सूचना तंत्र को और मजबूत किया जाए। अन्य राज्यों से भिक्षावृत्ति और काम करवाने के लिए लाए जाने वाले बच्चों की सूचना जुटाई जाए।
- बाल भिक्षावृत्ति करवाने वाले लोगों की धरपकड़ करें और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।
- चाइल्ड लेबर की शिकायतों और चाइल्ड लेबर की आशंका वाली जगहों पर छापेमारी करने के भी निर्देश।

एसओपी बनाने को कहा
डीएम ने श्रम विभाग के अधिकारी को संयुक्त टास्क फोर्स का गठन करने और इसमें एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग व एनजीओ के सदस्यों को शामिल करने को कहा। डीएम ने बचपन बचाओ अभियान के सदस्यों को चाइल्ड लेबर की रोकथाम के लिए एसओपी तैयार करने को कहा ताकि संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय हो सके। उन्होंने बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने वाले गिरोहों की संलिप्तता को देखते हुए पुलिस और श्रम विभाग को तुरंत कार्रवाई करने को कहा।

3 दिन पहले 7 बच्चे किये थे रेस्क्यू
पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने तीन दिन पहले कुछ संस्थाओं के साथ देहरादून के विभिन्न जगहों से बच्चों 7 बच्चों को भिक्षावृत्ति करते रेस्क्यू किया था। इन बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत करके बाल आश्रय गृह भेजा गया था। इस कार्रवाई के दौरान एनजीओ समर्पण आश्रय, गृह मेक संस्था, चाइल्ड डेवलपमेंट फाउंडेशन व र्सिटी चाइल्ड संस्था भी साथ थे। बताया जाता है कि दून में अभी सैकड़ों बच्चे सड़कों और चौराहों पर भीख मांगने के काम में लगे हुए है। आशंक जताई जा रही है कि कुछ गिरोह इसके पीछे सक्रिय हैं, जो इन बच्चों से भीख मंगवा रहे हैं।