देहरादून (ब्यूरो) समान कार्य समान वेतन, नियमितीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर विभिन्न विभागों के उपनल कर्मी आंदोलनरत हैं। सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रदेशभर के उपनल कर्मी दून के परेड मैदान में एकत्रित हुए। यहां से नारेबाजी करते हुए रैली के रूप में कार्मिकों ने सचिवालय कूच किया। हालांकि, पहले से मौजूद पुलिस ने सचिवालय से पहले ही बैरिकेङ्क्षडग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। आगे बढऩे का प्रयास कर रहे प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प और धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान अखिल भारतीय सफाई कर्मचारी संघ से जुड़े सफाई कर्मी भी रैली में शामिल रहे। रोके जाने पर प्रदर्शकारी मुखर हो गए और वहीं धरने पर बैठ गए। दिनभर धरना-प्रदर्शन व नारेबाजी करने के बाद प्रदर्शनकारियों को शासन की ओर से वार्ता के बुलाया गया।

सचिव से वार्ता रही विफल
उपनल कर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मंडल सचिवालय में सीएम के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु व सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी से वार्ता करने पहुंचा, लेकिन वार्ता विफल रही। उपनल कर्मियों ने आरोप लगाया कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। लंबे समय से कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सरकार से कार्रवाई की गुहार लगाई जा रही है, लेकिन झूठे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया जा रहा है। इसके बाद बड़ी संख्या में उपनल कर्मी सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ गए।

90 कर्मचारी लिए हिरासत में
देर शाम पुलिस ने उपनल कर्मियों को सड़क से जबरन उठाया और हिरासत में ले लिया। करीब 90 कर्मचरियों को पुलिस वैन में रिजर्व पुलिस लाइन ले जाया गया। यहां से उन्हें एकता विहार स्थित धरना स्थल ले जाकर छोड़ दिया गया। उपनल कर्मियों ने कार्य बहिष्कार जारी रखने का एलान किया है। सचिवालय कूच में उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल, महामंत्री प्रमोद गुसाईं, गणेश गोदियाल, नरेश थपलियाल, अनिल कोटियाल, अभिषेक गोदियाल, योगेश भाटिया, मनोज ङ्क्षसह, नितिन, संदीप कुमार, दिव्या, दीपक, सूरज, कविता, लक्ष्मी, गजेंद्र ङ्क्षसह, प्रदीप आदि शामिल हुए।

उपनल कर्मियों की प्रमुख मांगें
- समान कार्य समान वेतन का लाभ और नियमितीकरण किया जाए।
- सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन एसएलपी को वापस लिया जाए व हाईकोर्ट नैनीताल के निर्णय को लागू किया जाए।
- उपनल कर्मियों के वेतन में 20 प्रतिशत वृद्धि की जाए।
- उपनल कर्मियों को महंगाई भत्ता दिया जाए।
- जिन कर्मचारियों को लगातार पांच वर्ष से अधिक का समय कार्य करते हो गया है, उनके पद सृजित किए जाएं।

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