- पिंडर वैली नकरौंदा में बन रहे 18 एमएलडी एसटीपी को शिफ्ट करने की मांग
- लोगों का तर्क जलस्रोत हो जाएंगे दूषित, आबादी से दूर बने प्लांट

देहरादून, ब्यूरो: क्षेत्रवासियों के विरोध को देख निर्माण स्थल पर एक प्लाटून पीएसी तैनात की गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी तीखी झड़प हुई। आक्रोशित लोगों ने नारेबाजी कर पिंडर वैली में एसटीपी अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की। बाद में पुलिस और विभागीय अधिकारियों के बीच सहमति बनी है कि पहले जमीन का सॉयल टेस्टिंग किया जाएगा। इसके लिए 15 दिन का समय तय हुआ।

नहीं बनने देंगे सीवरेज प्लांट
सीवरेज प्लांट जनआंदोलन समिति से जुड़े लोगों ने कहा किनकरौंदा पिंडर वैली में सीवरेज प्लांट नहीं बनने देंगे। कहा कि एसटीपी से क्षेत्र को कई नुकसान हैं, जिसे जनहित में अन्यत्र शिफ्ट किया जाए। इस दौरान तहसीलदार सदर, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल शर्मा, एसएचओ डोईवाला राजेश शाह, चौकी इंचार्ज हर्रावाला नवीन डंगवाल, कार्यदायी संस्था पीआईयू एडीबी के परियोजना प्रबंधक विपिन तिवारी, एई संजीव कुमार और कंपनी के मैनेजर अनवर जिमाल मौजूद रहे।

इन्होंने किया विरोध
हेमा बिष्ट, कीर्ति खंडूडृी, राजकिशोरी, दीपा बिष्ट, लक्ष्मी पंवार, चंपा कठैत, इंदिरा गुसांई, सपना रौतेला, विनोद राणा, रोहित पांडे, हरजीत सिंह, पंकज जोशी, भूपेश जोशी, प्रवीन भंडारी, चंद्रपाल बिष्ट, दीपक नेगी, लाल सिंह नेगी समेत बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रही।

सीवर प्लांट को शिफ्ट किया जाए
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पिंडर वैली में एसटीपी निर्माण सरकार का अविवेकपूर्ण निर्णय है, जिसका खामियाजा क्षेत्र के हजारों लोगों को भुगतना पड़ेगा। कहा कि इस जनविरोधी निर्णय का डटकर विरोध करेंगे। आज शहरी विकास विभाग के अंतर्गत पीआईयू (एडीबी) के अधिकारियों के साथ ही निर्माण कंपनी, नगर निगम, वन विभाग समेत पीएसी और पुलिस अधिकारी काम शुरू करवाने पहुंचे, बाद मे पुलिस-प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह क्षेत्रवासी शांत हुए।

ये है मुख्य मांगें
- सीवरेज प्लांट आबादी से 500 मीटर दूर बनाया जाए
- एसटीपी को दुल्हनी नदी, कोल कुंडी के जंगल में बनाया जाए
- स्थल चयन को लेकर सरकार पुन: विचार करे
- क्षेत्र के जल स्रोत भी हो जाएंगे दूषित
- सीवरेज प्लांट बनने से नकरौंदा ही नहीं बालावाजा, कुंआवाला, हर्रावाला, गुलरघाटी आदि क्षेत्र हो जाएंगे प्रदूषित

नकरौंदा में सीवर प्लांट लगाना सरकार का अविवेकपूर्ण निर्णय है। इसके बनने से क्षेत्र में कई तरह के साइड इफेक्ट होंगे। क्षेत्र में सीवर प्लांट नहीं बनने देंगे। शनिवार को इस संबंध में डीएम को मिलकर आगामी रणनीति तय करेंगे।
बुद्ध देव सेमवाल, पूर्व प्रधान, नकरौंदा

सीवर प्लांट पूरी तरह से आधुनिक संयंत्रों लैस होगा, जिससे न कहीं दुर्गंध आएगी और न जल प्रदूषण होगा। एसटीपी निर्माण एसबीआर टैक्नॉलाजी से किया जा रहा है। प्रोजेक्ट को वन विभाग और पीसीबी की भी एनओसी मिल चुकी है। इससे पब्लिक को सुविधाएं मिलेंगी। ऐसे में विरोध समझ से परे है।
विपिन तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर, पीआईयू (एडीबी), देहरादून
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